October 2, 2024

जितना 20 साल में करना था उत्खनन उतना 5 साल में खोद लिया कोयला


जितना 20 साल में करना था उत्खनन उतना 5 साल में खोद लिया कोयला
न्यूज एक्शन । सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के परसा ईस्ट केतेबासन क्षेत्र कोल ब्लॉक का आबंटन राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को किया गया है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और अडानी इंटरप्राजेस लिमिटेड के द्वारा ज्वाइंट वेन्चर बनाया गया। जिसके तहत कोयला उत्खनन और परिवहन का कार्य अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड के द्वारा पिछले पांच साल से किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि पांच साल में क्षमता से चार गुना अधिक कोयला उत्खनन किया जा चुका है। 20 साल में जितना कोयला उत्खनन किया जाना था उतना पांच साल में ही कर लिया गया है। इससे जहां एक ओर शासन को रॉयल्टी की क्षति हो रही है वहीं इसका फायदा अडानी इंटरप्राजेस लिमिटेड को ही मिल रहा है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड अडानी से कोयला खरीदी कर रही है। जबकि ज्वाइंट वेंचर में 26 फीसदी राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और 74 फीसदी अडानी इंटरप्राजेस लिमिटेड की भागीदारी है। कुल मिलाकर अडानी को दोहरा लाभ हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2014 में 214 कोलब्लॉक का आबंटन निरस्त कर दिया था। इसमें सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक का परसा ईस्ट केतेबासन क्षेत्र का कोल ब्लॉक भी शमिल था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर आरोप लगाया गया है कि 2015 में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित कोल ब्लॉक से ज्वाइंट बेंचर के जरिए अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड को लाभ पहुंचा जा रहा है। कोर्ट ने राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड परसा ईस्ट केतेबासन कालरीज लिमिटेड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बिलासपुर निवासी सुदीप श्रीवास्तव की याचिका पर परसा ईस्ट एंड केतेबासन क्षेत्र में 2007 में कोल ब्लॉक का आबंटन राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अगस्त 2014 को देशभर के 214 कोलब्लॉक का आबंटन निरस्त कर दिया। जिसमें यह कोल ब्लॉक भी शामिल था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था कि माइनिं राइट्स किसी प्राइवेट कंपनी को ट्रांसर्फर करने के लिए बनाई गई ज्वाइंट बेंचर कंपनी कोल माइनिंग नेशनलाइजेशन एक्ट 1973 के तहत गैर कानूनी होगी। केन्द्र ने 21 मार्च 2016 को माइनस स्पेशल प्रोविजन्स एक्ट लागू होने के बाद इस कोल ब्लॉक का आबंटन फिर से सरकारी क्षेत्र की कंपनी राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को किया गया। आबंटन के बाद राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ने खुद को आबंटित कोल ब्लॉक से कोयला खरीदने के लिए ज्वाइंट बेंचर कंपनी परसा बेस्ट केतेबासन कालरी लिमिटेड से एग्रीमेंट किया। इस ज्वाइंट बेंचर कंपनी में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की 26 फीसदी और अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड की 74 फीसदी भागीदारी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन लिमिटेड कोल इंडिया की अधिसूचित दर से अधिक पर कोयला खरीद रही है।

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