पुलिस अधिकारी वर्दी पहनने के बाद भी अपनी मानसिकता आम इंसान की तरह रखें: आई जी डांगी
कोरबा 9 जनवरी. पुलिस के अधिकारी वर्दी पहनने के बाद भी अपनी मानसिकता एक आम इंसान की तरह रखें। पुलिस अधिकारी अपना व्यवहार इस तरह बनाएं कि लोगों की धारणा बदले।
बिलासपुर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी ने कहा कि पुलिस की छवि को लेकर जनता में बनी धारणा को सुधारने लगातार कोशिश करते रहना चाहिए। आईजी श्री डांगी ने कहा कि नौकरी के नाम पर ठगी के मामलों में पीड़ितों को किसी भी सूरत में न घुमाएं। हमने रेंज के सभी एसपी को एक सप्ताह के भीतर इस तरह के मामले की लंबित शिकायतों पर तत्काल एफआईआर करने कहा है। एफआईआर न होने पर संबंधित थानेदार पर भी कार्यवाही होगी। यदि किसी मामले में प्रकरण दर्ज नहीं हो पा रहा है तो सीधे वाट्सअप पर भी मुझे भेज सकते हैं। अगले सप्ताह इसकी समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि जागरूकता से ही ऐसे ठगों से बचा जा सकता है। आईजी ने कहा कि झांसा देकर दैहिक शोषण के मामलों में सीधे एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों को इस तरह के मामले में संवेदनशील होने की जरूरत है। पीड़िता को अपने परिवार का सदस्य मानकर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए। कोरबा जिले में कई पुलिस कर्मियों के विरूद्ध लंबित गंभीर शिकायतों के संबंध में पुन: सरगुजा रेंज में की गई कार्यवाही का जिक्र कर कहा कि गंभीर शिकायतें हैं, यह कहने का मौका ही नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में निश्चित ही परिवर्तन दिखेगा।
आईजी रतनलाल डांगी ने कहा कि मैं एक खुली किताब की तरह हूं और मेरे जीवन की कोई भी बात किसी से छिपाने वाली नहीं है। ऐसे युवा जो स्ट्रगल करने वाले परिवार से वास्ता रखते हैं, उनके गरीब, किसान माता-पिता भी अपने बच्चे को आगे बढ़ने का सपना दिखा सकते है और युवा भी जज्बे के साथ आगे बढ़ सकते हैं, उनको प्रेरित करने के लिए मैं लिखता रहता हंू। हमें अपने पुराने दिनों को न भूलते हुए अपनी सीमा में रहकर जरूरतमंद की मदद करना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए उनके माता-पिता रोल मॉडल होते हैं। बच्चों को अच्छा बनाने के लिए माता-पिता को भी उसी रूप में उदाहरण पेश करना होगा। उन्होंने परिवार को हमेशा प्राथमिकता देने व अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ ही जीवन भर कुछ न कुछ करते रहने का सुझाव भी दिया।