November 23, 2024

छत्तीसगढ़: 10 वीं, 12 वीं परीक्षा की तारीख घोषित

रायपुर 23 जनवरी : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर दिया है। कोरोना प्रतिबंधों की वजह से इस बार 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए बिल्कुल अलग-अलग समय तय हुआ है। 10वीं की मुख्य परीक्षा 15 अप्रैल से शुरू होकर एक मई तक चलेगी। उसके बाद 3 मई से 12वीं की परीक्षा शुरू होगी। यह परीक्षा 24 मई को खत्म होगी। 

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रो. वीके गोयल ने बताया, बोर्ड की मुख्य परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में कराई जाएंगी। मतलब परीक्षार्थियों को केंद्र पर पहुंचकर कॉपी में उत्तर लिखकर निर्धारित समय के भीतर उसे जमा करना होगा। बोर्ड ने इस बार अलग से परीक्षा केंद्र बनाने से परहेज किया है। विद्यार्थी ने जिस स्कूल से पढ़ाई की है, वहीं उसकी परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। परीक्षा के दौरान सैनिटाइजेशन, मास्क और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है। हाईस्कूल यानी 10वीं और हायर सेकेंडरी यानी 12वीं बोर्ड की परीक्षा सुबह 9 बजे से 12.15 होगी। तय कार्यक्रम के मुताबिक 9 बजे तक परीक्षार्थी को सीट पर आ जाना है। 9.5 पर कॉपी दी जाएगी। 9.10 पर प्रश्नपत्र दिए जाएंगे। पांच मिनट का समय प्रश्नपत्र को पढ़कर समझने के लिए दिया जाएगा। 9.15 से परीक्षार्थी उत्तर लिखना शुरू कर सकेगा। 10वीं बोर्ड की शुरुआत 15 अप्रैल को हिंदी के प्रश्नपत्र से हो रही है। 12वीं परीक्षा की शुरुआत 3 मई को हिंदी के पेपर से ही होगी।10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं 10 फरवरी से शुरू हो जानी हैं। एक विषय की प्रायोगिक परीक्षा 2 से 3 शिफ्ट में कराने को कहा गया है। परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने पर उसे दो-तीन दिनों में भी कराया जा सकता है। बोर्ड ने इस बार प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए बाहर से परीक्षक भेजने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। स्कूलों को 10 मार्च तक परीक्षा पूरी कर लेने को कहा गया है। बोर्ड ने 9वीं और 11वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के लिए होम एग्जाम प्रणाली स्वीकार किया है। मतलब यह परीक्षा पूरी तरह उनके स्कूलों द्वारा संचालित की जाएगी। स्कूल ही प्रश्नपत्र तैयार करेंगे। समय सारिणी तय करेंगे। परीक्षा का केंद्र भी उसी स्कूल में बनेगा और कॉपी का मूल्यांकन कर परिणाम भी संबंधित स्कूल ही जारी करेगा। चालू शिक्षा सत्र में स्कूल नहीं खुल सके थे। बच्चों की अधिकतर पढ़ाई घरों में स्वाध्यायी के तौर पर अथवा ऑनलाइन माध्यमों से हुई है। शिक्षा विभाग ने पढ़ाई तुहर दुआर पोर्टल के जरिए इस समस्या को सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन वह दूरदराज के और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों तक नहीं पहुंच पाया। इस परीक्षा में विद्यार्थियों के सामने ऐसी कई चुनौतियां होने वाली हैं। वहीं, कॉपियों के मूल्यांकन की भी चुनौतियां रहेंगी।

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