November 22, 2024

शहर में चल रहा नशे का अवैध कारोबार

कोरबा। औद्योगिक नगरी कोरबा में नशे का अवैध कारोबार पांव पसार चुका है। कुछ वर्ष पहले उरगा में हुक्का बार का भंडाफोड़ हुआ था। जिसमें शहर के सभ्रांत घरों के युवा नशखोरी करते पकड़े गए थे। कल पुलिस की टीम ने ब्राउन शुगर के साथ नशे के तीन सौदागरों को पकड़ा था। जिससे साफ है कि संपन्न घरों के युवाओं के लिए इस घातक नशे को उपलब्ध कराने का अवैध कारोबार कुछ लोग कर रहे हैं। शहर व उपनगरीय क्षेत्र के कुछ कैफे, होटल व रेस्टोरेंट ऐसे संदिग्ध ठिकाने बने हुए हैं। जिनकी जांच पुलिस द्वारा नहीं की जा रही है। अगर ऐसे संदिग्ध ठिकानों की जांच शुरू हो जाए तो नशे के और भी सौदागर सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं।
आज के जमाने में युवाओं के लिए नशा फैंशन बन चुका है। फिल्मों की तर्ज पर युवा अब ब्राउन शुगर, हुक्का बार, नशीली दवाओं सहित अन्य मादक पदार्थों से नशा करने लगे हैं। लिहाजा औद्योगिक नगरी में इन मादक पदार्थों की सप्लाई भी शुरू हो गई है। यह नशा अधिक कीमत चुका कर युवाओं को मिलता है। लिहाजा इस नशे के गर्त मेंं अधिकांश बड़े घरों के युवा आ जाते हैं। जिनके लिए यह महंगा नशा कर पाना संभव होता है। एक बार इसकी लत लग जाए तो फिर इसे छोडऩा आसान नहीं रहता। बस इसी का फायदा उठाकर नशे के सौदागर अपने लिए बड़े घरों के ग्राहकों की तलाश करते हैं। यही कारण है कि यह कारोबार अब धीरे-धीरे पांव पसारता जा रहा है। जिले में ऐसे कई कैफे, होटल व रेस्टोरेंट हैं जहां शाम ढलने के साथ इस नशे का दौर शुरू हो जाता है। खास बात यह है कि इन ठिकानों में युवाओं की भीड़ रहती है। धुएं का सैलाब उठता है। पास से गुजरने वाले तक इस नशे की गंध को महसूस कर सकते हैं। इसके बाद भी ऐसे ठिकानों की जांच नहीं की जा रही है। ऐसा नहीं है कि पुलिस ऐसे ठिकानों की जांच नहीं करती। कई मर्तबा पुलिस ऐसे ठिकानों पर कार्रवाई कर मादक पदार्थ जप्त कर चुकी है। जिस तरह से ब्राउन शुगर मामला हाल में सामने आया है, उसके बाद पुन: ऐसी ही जांच की जरूरत महसूस हो रही है।

बाहर से होती है सप्लाई
जिले में ऐसे मादक पदार्थों की सप्लाई बाहर से होती है। जानकार बताते हैं कि मेट्रो शहरों से इसकी सप्लाई शहर में कर दी जाती है। जिसे नशे के सौदागर अपने-अपने इलाकों में खपाते हैं। जिले में गांजा व शराब की अवैध बिक्री तो आम बात है। अब ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थ भी शहर में बिक रहा है। खासकर पॉश इलाकों में नशे के ठिकाने बन चुके हैं। जहां आसानी से नशा उपलब्ध हो जाता है। बिना किसी शक के नशेड़ी युवा संबंधित स्थान से मादक पदार्थ से नशा कर लेते हैं। यही वजह है कि यह व्यापार दिनो दिन बढ़ता जा रहा है।
दवा दुकानों की नहीं होती जांच
नशे के लिए तरह-तरह की वस्तुएं इस्तेमाल की जाती है। नशा करने वाले बॉमफिक्स आयोडेक्स तक को नशे के रूप में उपयोग कर लेते हैं। वहीं खासकर युवाओं में नशीली दवाओं का काफी क्रेज है। एक टेबलेट व कैप्सुल से पूरा नशा हो जाता है। यह नशा मानव स्वास्थ्य के लिए काफी घातक है। यही वजह है कि ऐसे दवाओं के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बाद भी कुछ दवा दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के फेर में ऐसी नशीली दवाओं की बिक्री करते हैं। जिले में कई बार नशीली दवाओं के विक्रय का भंडाफोड़ पुलिस कर चुकी है। वर्तमान में भी ऐसे संदिग्ध दवा दुकानों की जांच की जरूरत महसूस की जा रही है। वैसे भी लंबे समय से जिले के दवा दुकानों में पुलिसिया जांच देखने को नहीं मिली है।
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