दो दिन हड़ताल करेंगे सार्वजनिक बैंक, चार दिन ठप रहेगी बैंकिंग
कोरबा 11 मार्च। विभिन्न मांगों को लेकर विरूद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारी व कर्मचारी आंदोलन करने जा रहे हैं। 15 व 16 मार्च को पूरे दिन के लिए काम-काज ठप कर दो दिन की हड़ताल का ऐलान किया है। आंदोलन से पहले के दो दिन माह का दूसरा शनिवार-रविवार होने से छुट्टी पड़ रही। परिणाम स्वरूप हड़ताल तो दो दिन की होगी, पर लेन-देन व बैंकिंग के सारे काम लगातार चार दिन ठप रहेंगे।
उल्लेखनीय होगा कि हाल ही में बजट में वित्तमंत्री ने कुछ सरकारी उपक्रमों के निजीकरण की मंशा जताई था। इनमें चार बैंको का भी नाम लिया गया है। इसका विरोध करते हुए बैंक कर्मचारी संगठनों वित्तीय वर्ष समाप्ति के मात्र 15 दिन पहले हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही सारे देश मे प्रदर्शन व आंदोलन की रूपरेखा बना ली गई है। इसी तारतम्य में आगामी 15 व 16 मार्च को सभी बैंक अधिकारी व कर्मचारी संगठन देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे। इसके पहले 13 व 14 मार्च को दूसरे शनिवार व रविवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे, जिसके कारण बैंकों में पूरे चार के लिए काम-काज ठप हो जाएगा। सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में बैंक यूनियंस के समर्थन में 17 मार्च को जीआईसी व 18 मार्च को एलआईसी द्वारा भी देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। यूनाइटेड फोरम के आह्वान पर बैंक हड़ताल की वजह से चार दिन लेन-देन प्रभावित होगा।
बैंक एम्प्लाइज यूनियनों का कहना है कि इन आंदोलनों के बाद भी अगर केंद्र सरकार अपने निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लेती है, तो बैंकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का मन बना चुके हैं। निजीकरण ना केवल बैंक कर्मचारियों अपितु आम जनता के लिए भी हितकारी नहीं। लोक उपक्रम बैंक सरकार की हर योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने का व बैंकिंग सुविधाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य करती है, पर निजी संस्थाएं नहीं। इसलिए इस आंदोलन में न केवल बैंक अधिकारी व कर्मचारी बल्कि आम जनता को भी अपना पूरा समर्थन देना चाहिए।
मार्च वित्त वर्ष का आखिरी महीना है। इस माह समान्य तौर पर बैंकों से जुड़े लोगों के काम ही नहीं बैंकिंक अधिकारियों, कर्मचारियों पर भी काफी दबाब रहता है। बैंकों की हड़ताल से उन लोगों को राहत मिल सकती है जिनके खाते उन राष्ट्रीयकृत बैंकों में हैं, जो हड़ताल में नहीं जाने वाले हैं। छत्तीसगढ़ बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिरी ने कहा कि यूनाइटेड फोरम के आह्वान पर बैंकों की हड़ताल की घोषणा की गई है। इसमें संभाग के बैंकर्स शामिल होंगे। बैंकों के निजीकरण समेत कई प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया है।