छात्रा ने पढ़ाई से बनायी दूरी, नसीहत देने पर तालाब में फेंका बस्ता
कोरबा 11 मार्च। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान पर सरकार जोर दे रही है। कई योजनाओं के तहत उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इसलिए स्वाभाविक है कि लोग भी खासतौर पर बेटियों की पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। पाली क्षेत्र में एक छात्रा की दिलचस्पी को लेकर जब परिजनों ने अपनी ओर से कुछ बात कही तो वह इसका बुरा मान गई। स्कूल से लौटने के बाद उसने तालाब में बस्ता फेंक दिया।
यह मामला दूसरे तरह से प्रस्तुत करने की कोशिश की गई। इसमें ऐसा प्रचारित किया गया कि हाईस्कूल हरनमुड़ी की एक छात्रा को कथित रूप से शिक्षक-शिक्षिका परेशान कर रहे थे। इससे नाराज होकर छात्रा स्कूल जाने के बाद घर नहीं लौटी। हालांकि कुछ घंटे बाद उसकी वापसी हुई। स्कूल का बस्ता नहीं मिलने पर परिजनों ने पूछताछ की। इससे पहले पुलिस तक खबर पहुंच चुकी थी कि एक छात्रा लापता हुई है। डायल 112 को इस काम में लगाया गया। इसकी उपयोगिता कुछ हद तक साबित हुई। छात्रा के सकुशल लौटने के बाद आगे की कहानी स्पष्ट हुई। खबर के अनुसार पढ़ाई के मामले में उक्त छात्रा औसत दर्जे की है। कई कारणों से उसका मन पढ़ाई के प्रति नहीं है। इसलिए कुछ दिनों से वह संस्था नहीं जा रही थी। स्वाभाविक रूप से शिक्षकों ने इस पर खबर ली और जिम्मेदारी के नाते जरूरी नसीहत भी दी। संभवतः छात्रा इस बात का बुरा मान गई। इससे पहले परिजन भी इस तरह की सलाह छात्रा को दे चुके थे। दो तरफा फटकार से कुपित होकर उसने अपना बस्ता गांव के तालाब फेंक दिया और इस बारे में जानकारी भी दी। पूछताछ के बाद कहानी साफ हो गई। बताया जा रहा है कि गलत तरह से मामले को ट्वीस्ट किये जाने से ऐसा लगा कि किसी तरह से शिक्षकों ने उसे प्रताड़ित किया और इसके चलते छात्रा ने दूरी बना ली। इस बारे में पुलिस ने बीईओ को कहा है कि छात्रों से जुड़े मामलों को ठीक से हेंडल करने के लिए शिक्षकों से संवाद किया जाए ताकि इस तरह की स्थिति निर्मित ना होने पाए।
कई तरह से की पूछताछ-इस मामले में छात्रा और उसके पिता से बातचीत की गई। कुल मिलाकर यही बात सामने आई कि मामला पढ़ाई पर ध्यान देने से जुड़ा था। इसी को लेकर छात्रा ने अपना बस्ता फेंक दिया और कोई कंटेंट इसमें नहीं है। बीईओ को कह दिया गया है कि अगर छात्रों से जुड़े मामले आते हैं तो प्रापर काउंसिलिंग की जाए।
लीलाधर राठौर, टीआई पाली