किसानों के लिए धान के साथ सब्जियों की खेती में भी उपयोगी है- फ्लाईऐश
एबीवीटीएस मड़वा में ‘फ्लाईऐश का कृषि कार्यों में उपयोगिता विषय पर किसानों व कृषि अधिकारियों की परिचर्चा आयोजित
जांजगीर 12 मार्च। अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत गृह (एबीवीटीपीएस) मड़वा की ओर से इरेक्टर हाॅस्टल काॅन्फ्रेंस हाॅल में प्रगतिशील किसानों व कृषि अधिकारियों की ‘फ्लाईऐश का कृषि कार्यों में उपयोगिता विषय’ पर परिचर्चा आयोजित की गई। इसमें मुख्य अतिथि वरिष्ठ मुख्य रसायनज्ञ आरके तिवारी एवं विकासखंड कृषि अधिकारी एनके भारद्वाज रहे। अध्यक्षता अधीक्षण अभियंता संजय तिवारी ने की। परिचर्चा मंे विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजाबाबू कोसरे, प्रगतिशील किसान श्यामलाल राठौर, रामगोपाल साहू, कृषक मित्र दीनदयाल यादव व कृषक चेतना मंच से राजशेखर सिंह शामिल हुए।
परिचर्चा में वरिष्ठ मुख्य रसायनज्ञ आरके तिवारी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र से निकलने वाली सहउत्पाद फ्लाईऐश का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। खेती-किसानी में फ्लाईऐश का उपयोग किसानों के लिए एक अच्छा अवसर साबित होगा। उन्होंने फ्लाईऐश की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। साथ कहा कि फ्लाईऐश की एनालिसिस रिपोर्ट इंदिरा गांधी कृषि विवि रायपुर को भेजी गई है ताकि संघटकों के आधार पर इसकी ज्यादा उपयोगिता पर ध्यान दिया जा सके।
इससे पहले आंगतुक अतिथियों एवं प्रगतिशील किसानों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में सहायक प्रबंधक (पर्यावरण ) संजय झा द्वारा पावर पांइट प्रजेंटेशन के जरिए फ्लाईऐश की कृषि एवं अन्य कार्यों में उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया। इसके साथ ही फ्लाईऐश का कृषि कार्यों में उपयोग पर आधारित चलचित्र किसानों को दिखाया गया। प्रगतिशील किसान श्यामलाल राठौर ने कहा कि फ्लाईऐश किसानों के लिए एक वरदान है। वह अपने खेतों में फ्लाईऐश की एक निश्चित मात्रा का उपयोग कर फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी कर सकता है। उन्होंने अनुभवों से बताया कि वे पिछले समय फ्लाईऐश का उपयोग कर चुके हैं। इससे फसलों में बीमारियां नहीं लगती हैं साथ ही पौधों में प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। श्री राठौर ने अपने पांच एकड़ खेतों में इस वर्ष फ्लाईऐश मिलाकर खेती करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे भी अपने खेतों के कुछ हिस्सों में फ्लाईऐश का उपयोग कर इसके लाभ के बारे में जानें। कृषक मित्र दीनदयाल यादव ने फ्लाईऐश को बहुउपयोगी बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के लिए लक्ष्य प्राप्ति का एक साधन हो सकता है। सब्जियों की खेती में फ्लाईऐश का उत्तम परिणाम प्राप्त होगा।
विकासखंड कृषि अधिकारी एनके भारद्वाज ने पौधों के लिए जरूरी 16 पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि फ्लाईऐश धान, गेहंू की फसल के साथ सब्जियों व फूल पौधों के लिए भी बहुत उपयोगी है। श्री भारद्वाज ने बताया कि भूमि में फ्लाईऐश को मिलाने से भूमि की संरध्रता एवं जल धारणा क्षमता बढ़ती है। इससे उपज में 10 से 40 फीसदी तक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। किसान एक एकड़ भूमि में खेती के लिए 20 टन फ्लाईऐश का उपयोग कर सकता है। परिचर्चा में अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजाबाबू कोसरे ने कहा कि इस परिचर्चा का उद्देश्य फ्लाईऐश के प्रति किसानों में जनजागरूकता लाना एवं उसकी खपत को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही आसपास के गांवों में खेती में उपयोग करने के इच्छुक किसानों के पास फ्लाईऐश की आपूर्ति करेंगे।
परिचर्चा में कृषक चेतना मंच के राजशेखर सिंह एवं सहा. प्रकाशन अधिकारी बसंत शाहजीत ने फ्लाईऐश की उपयोगिता बढ़ाने पर अपने विचार रखे। परिचर्चा का आयोजन मुख्य अभियंता के मार्गदर्शन में अधीक्षण अभियंता संजय तिवारी एवं उनकी टीम द्वारा केमिकल विंग के साथ समन्वय कर किया गया। इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता आरएल ध्रुव,किस्टोफर एक्का, मुख्य रसायनज्ञ उत्तम सिंह चंद्रवंशी, कार्यपालन अभियंता आरके नायक व अमिताभ शुक्ला, कृषि विकास अधिकारी एडी दीवान एवं डीएल साहू, सहायक अभियंता वंदना ठाकुर, कनिष्ठ अभियंता बलराम यादव, किसान किशोर साव, शंकरदास महंत व लोचन साव सरखों, दशरथ यादव, जितेंद्र साहू और रविकांत यादव औराईकला, डाॅ. संतोष साहू मड़वा, प्रभुदयाल जायसवाल, प्रमोद हंसराज, व सोनू राठौर तेंदूभाठा, सुरेंद्र सिंह हरदी, सनत कुमार बंजारे और विनय रथ उपस्थित रहे।