November 7, 2024

मार्च माह का लोकवाणी कार्यक्रम मातृशक्ति को समर्पित

रायपुर 14 मार्च। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आज प्रसारित रेडियावार्ता लोकवाणी की 16वीं कड़ी में मुख्यमंत्री बघेल की मातृ शक्ति से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ बातचीत का प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन और आत्म सम्मान के लिए ठोस काम किए हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से लोकवाणी में चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति की भागीदारी से छत्तीसगढ़ में छोटी-छोटी योजनाओं, छोटी-छोटी पूंजी और थोड़ी-थोड़ी उद्यमिता को मिलाकर एक नई आर्थिक क्रांति का जन्म होगा और यह आर्थिक क्रांति विकास का एक टिकाऊ मॉडल बनकर पूरी दुनिया में नाम कमाएगा। वनांचलों और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वावलंबन के लिए प्रारंभ की गई योजनाओं से महिलाएं बड़ी संख्या में स्वावलंबी बन रही हैं। ग्राम सुराजी योजना, गोधन न्याय योजना, लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी और गौठानों में संचालित योजनाओं को माता-बहनों की भागीदारी से ही सफलता मिल रही है। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के सफल संचालन के पीछे वास्तव में नारी की शक्ति होगी। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में नारी शक्ति से कोविड-19 टीकाकरण में सहयोग का आव्हान करते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद भी मास्क, सुरक्षित दूरी तथा हाथों को साबुन से बार-बार धोने जैसे उपायों का पालन करते रहना होगा।

बघेल ने कहा कि महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें इसके लिए भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेज की छान-बीन के लिए जो समिति बनाई जाएगी उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रखने का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के लिए आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है। 26 वर्षों बाद प्रदेश में शिक्षकों की स्थायी भर्ती इसके साथ ही साथ पुलिस कर्मियों की भर्ती की रूकी हुई प्रक्रिया शुरू की गई है। इनमें भी महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन क्लीन सिटी परियोजना में 10 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है। महिला स्व-सहायता समूह में एक लाख 85 हजार महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वावलंबन की गतिविधियों से जोड़ा गया है। घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2200 नये पदों का सृजन किया गया है। नये बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए 370 थानों में हेल्पडेस्क संचालित किए जा रहे हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य और सुपोषण के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, संजीवनी एक्सप्रेस, 102 महतारी एक्सप्रेस जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। जिनका लाभ महिलाओं को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एक वर्ष में 1 लाख बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त साथ ही 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य तय किया गया है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में एक ही दिन में 3229 बेटियों के विवाह का कीर्तिमान बना।

मार्च माह का लोकवाणी कार्यक्रम मातृशक्ति को समर्पित

मुख्यमंत्री ने मातृ शक्ति का अभिवादन करते हुए कहा कि दाई, दीदी, बेटी मन ला मोर डहर ले परनाम। लोकवाणी के सब्बो सुनइया मन ला मोर जय जोहार, नमस्कार, जय सियाराम। चंूकि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पूरे देश में महिलाओं के प्रति आदर और उनके अधिकारों को लेकर विचार-विमर्श हुए। इसलिए मार्च माह का लोकवाणी कार्यक्रम मातृशक्ति को समर्पित किया गया।

लोकवाणी की इस कड़ी में बहुत बड़ी संख्या में माताओं, बहनों और बेटियों ने अपने विचार, अपनी भावनाओं को रिकार्ड किए गए संदेशों के माध्यम से व्यक्त किया। हिन्दी के अलावा छत्तीसगढ़ी, हल्बी भाषाओं में भी बहनों ने अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के हित में किए जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ की कल्पना ही छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में करते हैं। छत्तीसगढ़ को मां के रूप में, मातृशक्ति के रूप में, देखने और समझने का विचार हमें अपने पुरखों से विरासत में मिला है। राज्य गठन के बाद हमें लगता था कि यह भाव और अधिक सम्मान पाएगा, इसे सार्थक बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ी गीत ‘अरपा, पइरी के धार, महानदी हे अपार, इंद्रावती ह पखारे तोर पइयां, महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो-जय हो छत्तीसगढ़ मइया’ को राज्य गीत घोषित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह हमने महिलाओं के प्रति अपनी सरकार की प्राथमिकता को स्पष्टतः घोषित किया है। हमारे छत्तीसगढ़ में दंतेश्वरी- बम्लेश्वरी-महामाया- चंद्रहासिनी- दुर्गा- शीतला और देवी के हर स्वरूप को पूजा जाता है। इस तरह हमारे जनमानस में मातृशक्ति की आराधना का जो भाव है, उसे हमने नए ढंग से प्रतिष्ठित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आदर देने का संस्कार जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उनके अधिकारों की रक्षा करना, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन, आत्मसम्मान के लिए सतत् प्रयास करना। राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस काम किए हैं। लोकवाणी में महिलाओं ने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के पोषण और सेहत को लेकर संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों पर उत्साहजनक प्रतिक्रिया दी। दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा ब्लॉक के टिकनपाल भठ्टीपारा की हिरमी बाई ने हल्बी भाषा में अपने विचार व्यक्त करते हुए महिला बाल विकास विभाग के संदर्भ मेला में उनके बच्चे का  स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद डॉक्टरों ने दवाईयां दी। बच्चे की अस्पताल में 15 दिन देखभाल की गयी। आंगनबाड़ी केंन्द्र में पोषण आहार दिया गया। जिससे बच्चे का वजन बढ़ा और वह स्वस्थ है। उन्होंने इस योजना के संचालन के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। राजनांदगांव जिले की रेणुका सोनी और रितु सिन्हा ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। सूरजपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गोशिया बानो ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि में रेडी-टू-ईट का वितरण कर हितग्राहियों की पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की गई।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी में इन महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद जब मुझे पता चला कि छत्तीसगढ़ में 37.5 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं तो मुझे बहुत दुःख हुआ। कुपोषण और एनीमिया अपने आप में एक गंभीर बीमारी की तरह है और इसके कारण बहुत सी बीमारियां हो जाती हैं। इसलिए हमने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया ताकि कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ एक निर्णायक जंग छेड़ी जा सके। इस लड़ाई में किसी भी तरह से संसाधनों की कमी न आए, इसके लिए एक ओर जहां विभागों को समन्वय से काम करने के निर्देश दिए, वहीं दूसरी ओर डीएमएफ की राशि का उपयोग करने की रणनीति अपनाई। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषण आहार को बढ़ावा दिया ताकि लोगों को उनकी रुचि के अनुसार पोषक तत्व मिले। मुझे खुशी है कि एक वर्ष में 1 लाख बच्चे, जिसमें बेटियां अधिक हैं, कुपोषण से मुक्त हुए तथा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं चाहूंगा कि बहनें और बेटियां हमारी योजना के अनुसार पोषक तत्व और दवाई लेते रहंे। कोरोना काल में भी यह अभियान जारी रहा, जो इस बात का प्रतीक है कि अब कोई भी ताकत आपको कुपोषण और एनीमिया मुक्ति से रोक नहीं पाएगी। आपके सहयोग से हम छत्तीसगढ़ के प्रत्येक बच्चे और नारी को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त कराएंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचलों में, शहरी बस्तियों में महिलाओं तक सरलता से स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक, संजीवनी एक्सप्रेस, 102 महतारी एक्सप्रेस, ग्रामीण चलित चिकित्सा इकाई, हमर अस्पताल योजना, हमर लैब योजना, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान, मितानिन प्रोत्साहन राशि भुगतान सॉफ्टवेयर आदि उपायों से महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच, उपचार तथा सहायक सेवाओं का काम किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने की शुरूआत

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नारी शिक्षा व सुरक्षा को आगे बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने तो आंगनवाड़ी के स्तर से ही शिक्षा की बुनियाद रखने की पहल की है। आमतौर पर आंगनवाड़ी को शिशुओं के पोषण आहार प्रदाय का केन्द्र माना जाता है, लेकिन हमने आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया है। महात्मा गांधी नरेगा में कन्वरजेंस से आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य रखा है, जहां नहीं है, उसके लिए हमने अपने तीनों बजटों में प्रावधान रखा है।

महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम हेतु 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित

एक हजार माध्यमिक विद्यालयों तथा 74 कन्या छात्रावासों में बालिकाओं को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हजार माध्यमिक विद्यालयों तथा 74 कन्या छात्रावासों में बालिकाओं को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा स्वच्छता दीदियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। शिक्षा का अधिकार के तहत 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ बालिकाओं को भी मिल रहा है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2 हजार 200 नए पदों का सृजन किया गया है। नए बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की साक्षरता दर कम रही है। राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता अभियान नहीं चलाए जाने के कारण राज्य को होने वाले नुकसान की भरपाई हमारी नई ‘पढ़ाई-लिखाई योजना’ की जाएगी, जिसका लाभ महिलाओं को होगा। महिला पुलिस तथा स्वयंसेविका योजना के तहत महिला अधिकारों के संरक्षण के लिए दो जिलों में साढ़े चार हजार से अधिक स्वयंसेविकाएं काम कर रही हैं। यह प्रयोग सफल होने पर अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। बेटियों के जन्म को सकारात्मक रूप में लेने की प्रेरणा का संचार करने हेतु ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ शुरू की जा रही है। योजना में दूसरी संतान के रूप में बेटी जन्म होने पर आर्थिक मदद की जाएगी। विभिन्न जिलों में कामकाजी महिला छात्रावास की स्थापना की जा रही है। हमने 2023 तक सभी 45 लाख ग्रामीण घरों में नलों से शुद्ध पानी पहंुचाने का लक्ष्य रखा है। मेरा मानना है कि इस सुविधा से महिलाओं को बहुत लाभ मिलेगा। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित है।

शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा के लिए शुरू की गयी स्थायी भर्ती

लोकवाणी में राजिम की एकता राजानी ने अपने रिकार्डेड संदेश में कहा कि मुझे शिक्षा विभाग में सेवा का अवसर मिला है, 26 साल बाद स्थायी भर्ती शुरू हुई। पहले बैच में उनका चयन हुआ है। उन्हें स्थायी नियुक्ति पत्र भी मिल गया है। झरना धु्रव ने बताया कि वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवपुर में भृत्य के पद पर कार्य कर रहें हैं। उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिली है। एकता और झरना ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा के लिए प्रारंभ की गई स्थायी भर्ती

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार हमने स्थायी शिक्षक, शिक्षिकाओं की भर्ती के बारे में कहा था, जिसके दो प्रमुख कारण थे। एक तो शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और दूसरा नौकरी कर रहे शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा। हमने लगभग 15 हजार पदों के विरुद्ध नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू की तो कोर्ट से स्टे जैसी अनेक समस्याएं आ र्गइं। मुझे खुशी है कि अंततः सारी समस्याओं को हल करते हुए अब चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र मिलना शुरू हो गया है। जिन लोगों को नियुक्ति पत्र मिल गया है, उन सबको मैं बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। हमने दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों के नियमितीकरण का वादा निभाया है, जिसका लाभ हमारी बहनों को मिला है। मिशन क्लीन सिटी परियोजना में 10 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है। पुलिसकर्मियों की भर्ती की रुकी हुई प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसी तरह से विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। मैं बताना चाहता हूं कि सरकारी सेवाओं में महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए हमने यह व्यवस्था की है कि भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेजों की छानबीन आदि कार्यों के लिए जो भी समितियां बनाई जाएंगी, उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रहंेगी। महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है।

लोकवाणी में अनेक ग्रामीण महिलाओं ने ग्रामीण और वनांचलों के महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए संचालित की जा रही योजनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। खिलेश्वरी सतनामी ने अपने संदेश में बताया कि वे बिहान योजना के एमयूसी नारी में हथकरघा का कार्य करती हैं और इस कार्य से आत्मनिर्भर और सक्षम बन चुकी हैं। धमतरी जिले के कुरूद के ग्राम मरौद की सुनीता साहू ने बताया कि वे बिहान योजना के तहत संजीवनी स्व-सहायता समूह में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में बैंक सखी के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्हें 20 से 25 हजार रूपए मंथली आय हो रही है। ग्राम नारी की बसंती चक्रधारी बिहान योजना के इम्यूसी नारी में माटीकला का कार्य करती हैं। अब वे भी आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। ग्राम हंचलपुर की सुषमा मेश्राम महामाया कृषि समूह में सचिव हैं और वे वर्मी खाद का उत्पादन कर रहे हैं। अभी हम लोग वर्मी खाद बनाकर बेचते भी हैं। गांव के किसान भी लेकर जाते हैं और बाहर के किसान भी आते हैं। अभी तक उनका समूह 286 क्विंटल वर्मी खाद बेच चुका है, जिसकी राशि 2 लाख 50 हजार 600 रूपए है। उन्होंने बताया कि हम लोग वर्मी केंचुआ का भी उत्पादन कर रहे हैं, उसको भी बेच चुके हैं। हम लोग 25 क्विंटल वर्मी केंचुआ बेच चुके हैं और उसका राशि है 5 लाख 900 रुपए। वर्मी वाश भी बन रहा है, उसको भी 30 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचेंगे।

प्रदेश में 20 लाख 2 हजार गरीब परिवारों की एक लाख 85 हजार महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी

मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब मैं गांव-गांव का दौरा करता हूं तो आपका यह उद्बोधन मुझे बहुत रोमांचित करता है, बहुत उत्साह जगाता है। मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत प्रदेश में 20 लाख 2 हजार गरीब परिवारों की एक लाख 85 हजार महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ गई हैं। आप लोगों के द्वारा एक से बढ़कर एक कार्य किए जा रहे हैं। अपनी मौलिकता, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कौशल और संसाधनों का उपयोग आप लोग जिस खूबसूरती से कर रहे हैं, उसकी जितनी तारीफ की जाए, वह कम है। वास्तव में आप लोगों ने मातृशक्ति शब्द को सार्थक करके दिखाया है। आप में से साढ़े तीन हजार बहनें बीसी सखी के रूप में चलता-फिरता बैंक बन गई है। हमारी ग्रामीण महिलाओं का यह कायाकल्प और उनकी सूझबूझ का विस्तार बहुत उम्मीद जगाने वाला है। आपकी प्रतिभा, लगन और मेहनत को देखते हुए नए बजट में मैंने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क और सी-मार्ट स्टोर जैसी नई अवधारणा को शामिल किया है। शहरों में पौनी-पसारी योजना और गांवों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के सफल संचालन के पीछे वास्तव में नारी की शक्ति होगी। मुझे विश्वास है कि आप सबके सहयोग से छत्तीसगढ़ में छोटी-छोटी पूंजी और थोड़ी-थोड़ी उद्यमिता को मिलाकर एक नई आर्थिक क्रांति का जन्म होगा। यह आर्थिक क्रांति विकास का एक टिकाऊ मॉडल बनकर पूरी दुनिया में नाम कमाएगी।

लोकवाणी में अनेक महिलाओं ने सुराजी ग्राम योजना से उन्हें मिल रहे फायदे के बारे में किरण लता साहू ने बताया कि उनका जय भवानी महिला स्व-सहायता समूह सुराजी ग्राम योजना में बंजर पड़ी जमीन पर लेमनग्रास, एलोविरा, पोदीना की खेती के साथ सब्जी उगा रहे हैं। इससे समूह की 10 महिलाओं को हर माह पांच से छह हजार रूपए की आमदनी होती है। ग्राम पंचायत भटगांव के जय भवानी महिला स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य ने बताया कि उनके समूह लेमनग्रास के साथ गेंदा के फूल और सब्जी की खेती कर रहें हैं। इससे उसे अच्छे फायदे हो रहा है। दंतेवाड़ा की फुलमावा बाई ने बताया कि उनके पति का देहांत वर्ष 2014 में हो गया था। उन्हें सक्षम योजना में एक लाख रूपए की सहायता मिली जिससे उन्हें नास्ते की एक छोटी दुकान खोली है। दुकान से उन्हें प्रतिदिन 700 से 800 रूपए की आमदनी होती है। इससे परिवार का पालन पोषण अच्छे से हो पाता है। ग्राम भूतहा की कमलेश्वरी यादव ने बताया कि उनका जय दुर्गा महिला स्वसहायता समूह खेती बाड़ी करता है। उद्यानिकी विभाग से मिर्ची, प्याज, बीज के मिनीकिट मिले हैं। इससे उन्हें थोड़ी बहुत आमदनी होती है और वे लोग रोजगार गारंटी योजना में भी काम करते हैं।

योजनाओं में माताओं-बहनों की भागीदारी से ही मिल रही है सफलता

मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि किरण जी, फुलमावा बाई जी, कमलेश्वरी जी, आप लोगों की सफलता की कहानी सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा। चाहे सुराजी ग्राम योजना हो, मल्टीयूटीलिटी सेंटर की योजना हो, सक्षम योजना हो, छत्तीसगढ़ महिला कोष हो, स्वावलम्बन योजना हो या दिशा-दर्शन योजना हो। ऐसी तमाम योजनाओं का उद्देश्य है कि आप अपनी परिस्थिति तथा अवसर के अनुसार आजीविका का साधन चुनें। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत कुल विक्रेताओं में लगभग 45 प्रतिशत की भागीदारी महिलाओं की है। इस तरह मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमारी योजनाओं में माताओं-बहनों की भागीदारी से ही सफलता मिल रही है, इसके लिए मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में एक ही दिन में 3229 बेटियों के विवाह का बना कीर्तिमान

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत शासकीय नारी निकेतन की बहन सुशीला कंवर दीदी के विवाह पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर यह मेरे लिए सौभाग्य और प्रसन्नता का विषय है। हर मां-बाप का सपना होता है कि उसकी बेटी का विवाह अच्छे से हो और यदि कोई बेटी संकट में है तो सरकार और समाज की जिम्मेदारी है कि वह माता-पिता की भूमिका निभाए। मुझे यह कहते हुए संतोष होता है कि हमने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामान्य जोड़े के लिए सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार और दिव्यांगजन के लिए 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए की है। मैं चाहूंगा कि सभी बेटियां अपने नए घर-संसार में सुखी रहें। उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी 2021 को इस योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह में 3 हजार 229 बेटियों के हाथ पीले किए गए। गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड में छत्तीसगढ़ के नाम यह कीर्तिमान दर्ज किया गया।

बिलासपुर कोटा की एकता गुप्ता ने राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान प्रारंभ की गयी योजनाओं शिक्षा के क्षेत्र में पढ़ाई तुंहर दुआर, जड़ी बूटियों का संग्रहण, पारंपरिक वैद्यों के ज्ञान को बढ़ावा, छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य परंपरा के पुनरुद्धार के साथ हर्बल औषधियों का निःशुल्क वितरण जैसी योजनाओं और महिलाओं के लिए चलाई जा रही दाई बेटी योजना जैसी योजनाएं को सराहनीय बताया। उन्होंने अपने रिकार्ड किए गए संदेश में कहा कि बहुत सारी जगहों पर ट्रेन और बस के साधन आज भी संचालित नहीं हो रहे हैं, कोरोना के कारण ट्रेन और बस अभी छोटे शहरों और अंचलों में जो बंद हैं, उसे थोड़ा जल्दी चालू किया जाए।

महिलाओं ने कोविड-19 में घर गृहस्थी के साथ आजीविका संभालने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि निश्चित तौर पर कोरोना-कोविड-19 देश और दुनिया के लिए एक नए तरह का संकट था। इस संकट से निपटने में हमें जो सफलता मिली है, उसमें नारी शक्ति का बड़ा योगदान है। अपने परिवार को संभालने, घर-गृहस्थी के साथ आजीविका संभालने की जिम्मेदारी आप लोगों ने बखूबी निभाई है। इस दौरान हमारे गांवों में खेती-किसानी का काम भी हुआ, जंगलों में वनोपज संग्रह, महात्मा गांधी नरेगा के तहत रोजगार, आंगनबाड़ी तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में महिलाओं का योगदान अभूतपूर्व रहा है। जहां तक ट्रेन व बस सुविधाएं शुरू करने का सवाल है तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि भारत सरकार जितनी जल्दी रेल परिवहन को सामान्य करें। राज्य सरकार के स्तर पर हम पूरा सहयोग करेंगे, वहीं प्रदेश में बस सेवाएं सामान्य करने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

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