पीएम आवास योजना में लाखों का घोटाला, शुरू हुई जांच पड़ताल
कोरबा 20 मार्च। कच्चे मकान और झोपड़ी में रहने वालों को पक्की छत देने की महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री आवास योजना को उनके द्वारा ही पलीता लगाया जा रहा है, जिन पर इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है। आवास मित्र के द्वारा हितग्राहियों के 72 अपूर्ण आवासों को जियो टैगिंग में पूर्ण दर्शाकर पूरी राशि का आहरण कर लिया गया है। फर्जी जियो टैगिंग और आवास योजना में फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही कार्यवाही के भी संकेत हैं।
मामला कोरबा जनपद पंचायत के अंतर्गत दूरस्थ वनांचल ग्राम श्यांग, सिमकेंदा व सोल्वा में सामने आया है। ग्राम श्यांग के 46 हितग्राहियों, सिमकेंदा के 23 व सोलवा पंचायत के 3 हितग्राहियों के नाम वर्ष 2016 से 2019 के मध्य प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत स्वीकृत किए गए। इन आवासों के निर्माण हेतु आवास मित्र चंद्रशेखर को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आवास योजना के लिए प्रथम किश्त 2 से 4 लाख रुपए जारी किए गए। इसके पश्चात इन सभी आवासों को वर्ष q2018 व 2019 में पूर्ण करना आवास मित्र के द्वारा बताया गया। आवास पूर्ण होने की अवधि को दर्शाते हुए एमआईएस के अनुसार आवास की स्थिति पूर्ण बताई गई। चूंकि शासन के द्वारा योजना में सामने आई गड़बड़ियों और अनियमितताओं के मद्देनजर इसकी जियो टैगिंग का कार्य कराया गया लेकिन जियो टैगिंग में भी फर्जीवाड़ा का रास्ता ढूंढ लिया गया। आवास मित्र चंद्रशेखर ने फर्जी जियो टैगिंग करते हुए सभी 72 आवासों को पूर्ण बताया और इस आधार पर संपूर्ण राशि का आहरण कर लिया। 1 लाख 20 हजार रुपए शासन की ओर से निर्धारित राशि के मान से 72 आवासों का 86 लाख 40 हजार रुपए होता है जिनमें से अधिकांश रकम को वह गबन कर लिया।
कार्य अप्रारंभ आवासों को भी पूर्ण बताकर निकाली राशि
इस गड़बड़ी की शिकायत श्यांग पंचायत के सचिव विनोद कुमार राठिया के साथ जनपद पहुंचे ग्रामीणों ने की। जनपद सीईओ जीके मिश्रा के द्वारा ब्लाक समन्वयक अभिषेक चौरसिया के जरिए प्रारंभिक पड़ताल कराई गई जिसमें भौतिक सत्यापन में 38 आवास डोर स्तर, 27 आवास छत स्तर, 3 आवास प्लींथ स्तर तक निर्मित पाए गए। ग्राम पंचायत सिमकेंदा में मानसिंह यादव पिता नान्हीराम, मान सिंह पिता जांजीराम, रूपम सिंह पिता डिहू राम, चमार राय के आवास का कार्य तो प्रारंभ भी नहीं हुआ था। जबकि इन आवासों को एक साल पहले ही पूर्ण होना आवास मित्र ने दर्शा दिया और इस तरह अपूर्ण आवासों के साथ-साथ अप्रारंभ आवासों की भी राशि निकालकर गबन कर लिया।
बता दें कि कोरबा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले लेमरू पंचायत के ग्राम भुडुमाटी, छातीबहार, सराईबहार, घोघोबहरा, सरईटिकरा, गोल्हरडांड के पहाड़ी कोरवाओं एवं अन्य जनजातियों के पास भी सिर छिपाने के लिए पक्की छत नहीं है। इनके तो राशन कार्ड भी नहीं बने है। प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास इनके लिए स्वीकृत किए गए और ठेकेदार चंद्रमणी के द्वारा हितग्राहियों की राशि डकार ली गई। विगत वर्ष मार्च माह में इस मामले को प्रमुखता से उठाया गया और इसके बाद कोरोना काल शुरू हो जाने से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
आपराधिक प्रकरण दर्ज कर होगी वसूली– सीईओ
कोरबा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जीके मिश्रा ने बताया कि श्यांग, सिमकेंदा और सोलवा में 72 हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। प्रारंभिक जांच में 68 आवास अपूर्ण व 4 आवास के कार्य प्रारंभ नहीं होना पाया गया है। आवास मित्र के द्वारा आवासों के निर्माण हेतु आहरित राशि एवं किए गए कार्य की अंतर राशि की वसूली उससे कराई जाएगी। साथ ही आवास मित्र चंद्रशेखर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया जाएगा।