November 7, 2024

छत्तीसगढ़ में बोगस बिजली बिल के जरिये करोड़ों के घोटाले की आशंकाः ननकीराम कंवर

कोरबा 23 मार्च। जिले के रामपुर क्षेत्र के विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बोगस बिजली बिल के जरिये करोड़ों रूपयों के घोटाले की आशंका जतायी है।

विधायक कंवर ने बताया कि कोरबा जिला सहित पूरे प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को भारी-भरकाम राशि का बिल दिये जाने की शिकायत आम हो गयी है। प्रतिमाह रीडिंग के बाद तीन अंकों में बिजली बिल प्रदान करने और उसका नियमित भुगतान होने के बाद एकाएक पांच अंकों में बिजली बिल बनाकर उपभोक्ताओं को भेज दिया जाता है। भारी भरकम बिल मिलने की शिकायत लेकर उपभोक्ता जब विभागीय अधिकारियों से मिलते हैं, तो उनके बिल की राशि कम कर दी जाती है। इसके एवज में निजी स्वार्थ सिद्ध किया जाता है।

विधायक और पूर्व गृहमंत्री कंवर ने बताया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र रामपुर के गांवों के बिजली उपभोक्ता ऐसी ही परेशानी से जूझ रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भैसमा सब स्टेशन के तिलकेजा गांव में रायसिंह को सत्तर हजार रूपये का बिल भेजा गया। उसने शिकायत की तो बिल सुधार कर पांच हजार अस्सी रूपये का बना दिया गया। इसी तरह जीतराम को
59060.00 रूपये का बिल दिया गया और बाद में सुधार कर 7710.00 रूपये कर दिया गया। सिदार सिंह का 69270.00 रूपये का बिल 12120.00 रूपये किया गया। उन्होंने कहा कि ये ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनकी मीटर रीडिंग प्रतिमाह होती है और वे नियमित रूपये तीन अंकों की राशि के बिल का भुगतान करते रहे है। फिर एकाएक उन्हें भारी भरकम राशि का बिल दे दिया जाता है। फिर बिल में सुधार भी कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि एकल बत्ती कनेक्शन के हितग्राही को भी हजारों रूपयों का बिल भेज दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बिजली बिल में गड़बड़ी की ऐसी शिकायतें पूरे छत्तीसगढ़
में आ रही हैं। विधायक कंवर ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में सुनियोजित रूप से इस तरह की गड़बड़ी की जा रही है। बिल सुधार की आड़ में करोड़ों रूपयों की अवैध उगाही किये जाने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस तरह होने वाली अवैध उगाही की राशि कहा जाती है? इसकी जांच की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि इसी तरह पूरे प्रदेश में वाहनों की जांच और जुर्माना की कार्रवाई होती है। उन्होंने आशंका जाहिर की है, कि फर्जी रसीदों से जुर्माना वसूली की जाती है और नाम मात्र की राशि शासन के खजाने में जमा कर करोड़ों रूपयों की अवैध कमाई कर ली जाती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। अपराधियों के हौसले बुलंदी पर हैं। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के गृहक्षेत्र से लेकर प्रदेश की राजधानी तक लगातार गंभीर आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। शासन और प्रशासन इन पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन आपराधिक घटनाओं में वृद्धि का कारण राजनीतिक संरक्षण भी हो सकता है। इसी तरह पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला हैं। खुले आम आर्थिक घोटाले और अपराध किये जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर जमीनों की हेरा-फेरी की जा रही है। ये अपराध राजनीतिक- प्रशासनिक संरक्षण के बिना संभव प्रतीत नहीं होता।

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