November 7, 2024

स्वीडन एम्बेसी के डिप्टी हेड ऑफ मिशन का संक्षिप्त कोरबा प्रवास

कोरबा 28 मार्च। जन हित में योगदान के लिए अकूत जल राशि लिए वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे मानिकपुर पोखरी की दशा बदलने का वक्त आ गया है। यहां पर्यटन की संभावनाओं की तलाश में शनिवार को स्वीडन दूतावास के डिप्टी हेड आफ मिशन गौतम भट्टाचार्य हेलीकाप्टर कोरबा पहुंचे थे। कलेक्टर व एसईसीएल के अधिकारियों के साथ उन्होंने पोखरी का निरीक्षण किया और प्रशासन के संयुक्त सहयोग से यहां एक मनोरम स्पाट विकसित करने कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया।

स्वीडन स्थित भारतीय दूतावास के डिप्टी हेड आफ मिशन गौतम भट्टाचार्य का भारत के विभिन्न क्षेत्रों में दौरा जारी है इस दौरान वे विभिन्ना क्षेत्रों से जुड़ी संभावनाओं की जानकारी हासिल कर रहे हैं। सीएसईबी ग्राउंड में उनके हेलीकाप्टर की लैंडिंग हुई। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर का दौरा करने के बाद गौतम भट्टाचार्य कोरबा पहुंचे थे। कलेक्टर किरण कौशल सहित एसईसीएल के अधिकारियों के साथ भट्टाचार्य ने मानिकपुर पहुंच कर वहां स्थित वर्षों पुरानी पोखरी का अवलोकन किया। उन्होंने एसईसीएल के अधिकारियों से भी यहां पर्यटन विकास के बारे में पोखरी से संबंधित तकनीकी जानकारियां प्राप्त की। इस संबंध में एसईसीएल व जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त कार्य योजना तैयार किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इस मौके पर प्रशासन की ओर से जरूरी जानकारी डिप्टी हेड आफ मिशन को प्रदान की गई।

एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की बंद कोयला खदान के पोखरी में इतना पानी है, जिससे शहर की आधी आबादी को पेयजल की आपूर्ति हो सकती है। यहां 48 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भंडारण है। खदान बंद होने के बाद से लेकर अब तक इस पोखरी में बारह महीने पानी लबालब रहता है। पीएचई की ओर जल का परीक्षण किया जा चुका है। पिछले तीन साल से आपूर्ति संबंधी प्रस्ताव को बजट में शामिल करने विभाग की ओर से भेजा जा रहा है। शासन से स्वीकृति के अभाव में पानी उपयोगहीन साबित हो रहा है। पीएचई की प्रस्तावित कार्ययोजना फंड के अभाव में ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।

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