राकेट लांचर और गोलीबारी के बीच चार घंटे तक मुकाबला साधारण काम नहीं- सी एम भूपेश बघेल
◆बीजापुर में मुठभेड़ नहीं वो तो युद्व था
◆इंटेलिजेंस फेल्योर व चूक से किया इंकार
◆ आपरेशंस रहेंगे जारी, 2 कैंप जरूर बनायेंगे
रायपुर 4 अप्रैल: असम से रायपुर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद जवानों की शहादत को नमन भी किया और घायल जवानों की जाबांजी को सैल्यूट भी किया। रायपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर ही प्रदेढ़ के आला अधिकारियों से चर्चा की और नक्सल हमले को लेकर अफसरों से हालात की जानकारी ली।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में घटना का ब्योरा देते हुए बताया कि बीजापुर के तर्रेम में बड़ी नक्सली घटना हुई है। हिड़मा की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद 2000 जवानों की 5 टुकड़ी को आपरेशंस पर भेजा गया था। चार टुकड़ी सकुशल लौट गयी थी, जबकि आखिरी टुकड़ी, जिसमें सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवान थे, उस पर नक्सलियों ने छुपकर हमला किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस एरिया में आपरेशंस के लिए जवान निकले थे, वो नक्सलियों का गढ़ है। वहां छुपकर हमला किया गया, जिसमें जवानों ने मजबूती के साथ मुकाबला किया, ये मुठभेड़ नहीं युद्ध था, जिसमें सामने से गोलियां-बम और राकेट लांचर चल रहे थे। लेकिन 4 घंटे के मुकाबले में कार्डिनेशन इतना तगड़ा था कि जवान ना सिर्फ खुद निकलकर बाहर आये, बल्कि हथियार भी लाये और अपने साथी घायल जवान को भी लेकर आये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। चार ट्रैक्टर में नक्सली घायल जवान और मारे गये नक्सली को लेकर गये हैं। मुख्यमंत्री ने किसी भी तरह की चूक के इनकार किया है। उन्होंने कहा कि ये चूक नहीं है, हमारे जवान घेरने निकले थे, किसी कैंप पर हमला नहीं हुआ है, जिसे चूक कहा जाये।