November 22, 2024

यूपी आते ही मुख्तार अंसारी का हिसाब शुरू, योगी सरकार रद्द कराएगी विधानसभा सदस्यता

लखनऊ 7 अप्रेल: मुख्तार अंसारी के उतर प्रदेश के बाँदा जेल पहुचते ही उस पर शिकंजा कसना शुरू हो गया हैं। राज्य की योगी सरकार मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता को खत्म करने की कार्यवाही जल्द शुरू कर सकती हैं।

इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता को खत्म करने को लेकर कानूनी राय ली जाएगी। बता दें क‍ि कई दिनों तक लगातार सदन की कार्यवाही में शामिल न होने पर भी सदस्यता रद्द करने का नियम है।

नियम है कि अगर कोई विधानसभा सदस्य विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने से 60 दिन तक अनुपस्थित रहता है तो आर्टिकल 190 के तहत उसकी सदस्यता खत्म हो सकती है। इस आर्टिकल 190 के अलावा मुख्तार के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को भी सदस्यता खत्म करने का आधार यूपी सरकार बनाएगी।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “अगर कोई सदस्य लगातार 60 दिन अनुपस्थित रहता है तो उसके विरुद्ध माननीय सदन कार्रवाई कर सकता है। अगर इस मामले में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई याचिका आती है तो उस पर निर्णय होगा। मुख्तार अंसारी 60 दिन से ज्यादा से सदन की कार्रवाई में अनुपस्थित रहा है।”

मुख्तार अंसारी अब यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस पंजाब की रोपड़ जेल से करीब 900 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद आज सुबह साढ़े चार बजे बांदा जेल पहुँची। जेल पहुँचते ही मुख्तार का मेडिकल टेस्ट किया गया। सूत्रों से खबर मिली है कि मुख्तार अंसारी जेल में पहुँचने के बाद खुद चलकर बैरक के अंदर गया। अभी तक वो सिर्फ व्हील चेयर पर दिखाई दे रहा था।

इस बीच योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने मुख्तार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “जो लोग कानून से मजाक करते थे। उनकी उत्तर प्रदेश में वापसी हो चुकी है। जिसने जो किया है वो भरेगा। ये योगी जी की सरकार है। पिछले दिनों सपा की सरकार में लोग जेल में फाइव स्टार होटल की सुविधा लेते थे।”

मुख्तार अंसारी के परिवार को उनसे न मिलने दिए जाने पर अनिल राजभर ने कहा कि उनकी सुरक्षा और उनको कोरोना न हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। जेल प्रशासन ने भी प्रोटोकॉल जारी किया है, उसका भी पालन कर रहे हैं। सरकार और न्यायालय के प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है।

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