November 22, 2024

छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए राज्य की नीति और नेता जिम्मेदार

नईदिल्ली 8 अप्रेल। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन  राज्य के जिम्मेदार नेताओं और कोरोना से बचाव के लिए राज्य की नीति को जिम्मेदार ठहराया है। केंद्रीय मंत्री ने एक पत्र जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ ने कोवैक्सीन के इस्तेमाल से मना कर दिया है। जबकि भारत के ड्रग कंट्रोलर ने इसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे रखी है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के नेता जिस तरह से बयान दे रहे हैं, उससे लोगों में टीका लगवाने की प्रति हिचक बढ़ी है। बता दें कि राज्य में वैक्सीन की कमी की बात तमाम जिलों से आ रही है.

छत्तीसगढ़ में पिछले 2-3 हफ्तों में असामयिक रूप से मौतों की संख्या अधिक है । 

ऐसे में राज्य सरकार की जांच केवल रेपिड एंटीजन टेस्ट पर टिकी है, जो कि सही कदम नहीं है।@PMOINDIA@BHUPESHBAGHEL@TS_SINGHDEOPIC.TWITTER.COM/REUKG4ELZU— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 7, 2021

केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच वैक्सीन को लेकर फिर से तकरार शुरू हो गई है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने DCGI द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण दिए जाने के बावजूद कोवैक्सीन का उपयोग करने से इनकार कर दिया, राज्य सरकार अपने काम से लोगों की जान संकट में डाल रही है, और दुनिया में गलत संदेश भी दे रही है।

कोरोना संकट के समय में मतभेद भुलाकर साथ लड़ना चाहिए लेकिन @INCCHHATTISGARH सरकार को इसमें में भी राजनीति करने में शर्म नहीं आ रही है।

जिस स्वदेशी वैक्सीन पर पूरी दुनिया को भरोसा है, उस पर सिर्फ कांग्रेस को शंका है।

याद रखना! छत्तीसगढ़ तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा। HTTPS://T.CO/RDOA8W4OFD— Dr Raman Singh (@drramansingh) April 8, 2021

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो राज्य सभी को टीका लगवाने की बात कर रहे हैं, जबकि वे अपने राज्य में वैक्सीनेशन का तय लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाए हैं। महाराष्ट्र ने पहली डोज के तहत केवल 86% स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण किया है। दिल्ली और पंजाब में यह संख्या क्रमश: 72% और 64% है। दूसरी तरफ 10 भारतीय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने 90% से अधिक का टीकाकरण किया है। यानी टीकाकरण के तय लक्ष्य को पूरा न करने वाले राज्य भी केंद्र पर आरोप लगा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने DCGI द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण दिए जाने के बावजूद #COVAXIN का उपयोग करने से इनकार कर दिया। 

राज्य सरकार अपने कार्यों से लोगों की जान संकट में ही नहीं डाल रही बल्कि दुनिया में गलत संदेश भी दे रही है।@PMOINDIA@BHUPESHBAGHEL@TS_SINGHDEOPIC.TWITTER.COM/JAJ14GOHNP— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 7, 2021

केंद्र सरकार ने नियमित रूप से महाराष्ट्र की राज्य सरकार की काउंसलिंग की। उन्हें सभी संसाधन उपलब्ध कराए और केंद्रीय टीमों को मदद के लिए भी भेजा। हालांकि, राज्य सरकार द्वारा बरती गई ढिलाई अब साफ दिखाई दे रही है और अब वह सभी को डरा रही। आज, महाराष्ट्र में न केवल देश में सबसे अधिक मामले और मौतें हो रही हैं, बल्कि दुनिया में सबसे अधिक पॉजिटिव दर भी है। उनका परीक्षण भी मानकों के आधार पर नहीं है और कान्टैक्ट ट्रेसिंग भी कई सारे सवाल खड़े कर रही है।

केंद्र सरकार जितनी ज्यादा वैक्सीन की खेप छत्तीसगढ़ को मुहैया करवाएगी, हम उतने ही ज़्यादा लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन दे पायेंगे।

अगर टेस्टिंग की बात करें तो छत्तीसगढ़ राज्य देश में कुछ गिने राज्यों में से है जहां प्रति 10 लाख में सबसे ज़्यादा लोगों की टेस्टिंग हो रही है। 2/6 PIC.TWITTER.COM/TJFOYJ6YLG— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) April 7, 2021

इसी तरह छत्तीसगढ़ के नेताओं के बयान टीकाकरण पर गलत सूचना और डर फेैला रहे हंै। उन्होंने राज्य के नेताओं से अनुरोध्ा किया है कि वे अपने राजनीतिक ढांचे पर जोर देने की जगह स्वास्थ्य ढांचे पर जोर दे तो ज्यादा बेहतर होगा। छत्तीसगढ़ में पिछले 2-3 हफ्तों में असमय मौतों की संख्या बढ़ी है। वह अभी भी रैपिड एंटीजन टेस्ट पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। जो एक समझदारी वाली रणनीति नहीं है। राज्य सरकार ने वास्तव में कोवैक्सिन का उपयोग करने से इनकार कर दिया। बावजूद इसके कि भारत के ड्रग कंट्रोलर द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल (ईयूए) की मंजूरी दे रखी है। इतना ही नहीं, अपने कार्यों से राज्य सरकार के नेताओं ने टीके के प्रति हिचक को भी बढावा दिया। शायद ऐसा करने वाली वह दुनिया में एकमात्र सरकार होगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी का यह वक्तव्य ऐसे समय पर आना जब सभी राज्यों और केंद्र ने पिछले दिन ही मिलकर महामारी से निपटने का निर्णय लिया था यह बहुत ही दुःखद है। क्या वह राज्य सरकारों के साथ इस प्रकार की सहकारिता की अपेक्षा कर रहे हैं?(6/6)— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) April 7, 2021

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