नवरात्रि में श्रद्धालूओं का मंदिरों में देवी दर्शन रहेगा प्रतिबंधित, ज्योति कलश विसर्जन में पांच लोग ही हो सकेंगे शामिल
- नवरात्र के दौरान भोग-प्रसाद वितरण, भंडारा, जगराता तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रहेगी रोक
- एडीएम श्री जयवर्धन ने मंदिर समितियों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक
- कोरोना संक्रमण के कारण चैत्र नवरात्र में पूजा-अर्चना संबंधी दिशा-निर्देश जारी
कोरबा 08 अप्रैल 2021. कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर एडीएम श्री एस. जयवर्धन ने कोरोना महामारी के दौरान चैत्र नवरात्र में कोरोना संक्रमण से बचाव करते हुए नवरात्र का पर्व मनाने के लिए मंदिर समितियों की बैैठक ली। एडीएम ने बैठक में कोरोना महामारी के दौर में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुये नवरात्रि पर्व के लिये जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के बारे मंे मंदिर समितियों के प्रतिनिधियों को विस्तार से बताया। एडीएम श्री जयवर्धन ने बैठक में बताया कि इस बार नवरात्रि पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों का मां सर्वमंगला मंदिर, मां मड़वारानी एवं मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर परिसर में आने को प्रतिबंधित किया गया है। मंदिर परिसर में ज्योति कलश जलाया जाएगा किन्तु दर्शनार्थियों का आना मना रहेगा। ज्योति कलश एवं मंदिर प्रबंधन में लगे समस्त व्यक्ति नवरात्रि पर्व तक मंदिर परिसर में ही निवास करेंगे। नवरात्र पर्व के दौरान भोज-भण्डारा एवं किसी भी प्रकार के भोग, प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए मंदिर परिसर पर लगने वाला मीना बाजार एवं अन्य दुकानें लगाने की अनुमति नहीं रहेगी। श्रद्धालू नवरात्र पर्व के दौरान घर से ही आॅनलाइन तरीकों से मंदिरों में जलने वाले ज्योति कलश के दर्शन कर सकंेगे। ज्योति कलश के विसर्जन के समय केवल पांच लोगों को ही विसर्जन करने जाने की अनुमति होगी। मंदिरों में मंदिर समितियों को इन विशेष दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। जिससे नवरात्र पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम हो सके। बैठक के दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार, नगर निगम अपर आयुक्त श्री अशोक शर्मा ,डिप्टी कलेक्टर श्री आशीष देवांगन सहित मां सर्वमंगला मंदिर, मां मड़वारानी एवं मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर आदि मंदिर समितियों के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। पहले की तुलना में इस बार का कोरोना संक्रमण बहुत घातक और जानलेवा साबित हो रहा है। कोरोना वायरस का यह नया रूप सभी उम्र के लोगों को आसानी से संक्रमित कर रहा है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए नवरात्रि पर्व को कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए मनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बैठक में मंदिर समितियों के प्रतिनिधि मण्डल से अपील की कि कोरोना वायरस के इस घातक संक्रमण के बारे में लोगों को बतायें। वायरस के नये रूप के खतरनाक स्थिति से लोगों को अवगत कराएं तथा घर में ही रहकर पूजा करें और मंदिर परिसर में ना आयें। जिला पंचायत सीईओ ने 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोविड वैक्सीनेशन कराने की अपील भी की।
मंदिर परिसर में खाद्य सामग्री की बिक्री रहेगी प्रतिबंधित, गांव-गांव में कोरोना वायरस के संबंध में किया जाएगा लोगों को जागरूक
बैठक में एडीएम ने बताया कि मंदिर परिसर की दुकानों में पूजा सामग्री के अलावा अन्य खाद्य पदार्थाें की बिक्री प्रतिबंधित रहेगा। लाॅज, हाॅटल एवं रेस्टोरेंट में राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को ठहराया नहीं जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों एवं अन्य सार्वजनिक जगहों पर सामूहिक, धार्मिक एवं सामाजिक आयोजन स्थगित रहेगा। पर्व के दौरान भागवत कथा-रामायण पाठ आदि का आयोजन स्थगित रहेगा। नवरात्र पर्व के दौरान जिले के अन्य जगहों पर लगने वाले मेला को भी कोरोना संक्रमण के कारण स्थगित किया गया है। गांव-गांव में ग्राम पंचायत के सचिवों के माध्यम से कोरोना वायरस के जानलेवा रूप के संबंध में ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा।