सिमकेदा में शौचालय निर्माण में हुए भारी भ्रष्टाचार, जांच कराने की मांग
कोरबा 11 अप्रैल। जिले के कोरबा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सिमकेदा में शौचालय निर्माण में हुए भारी भ्रष्टाचार की जांच करवाये जाने की मांग ग्रामीणों के साथ-साथ कुछ जागरूक लोगों के द्वारा की जा रही है। किंतु जिम्मेदारी अधिकारी इसकी जांच से कतरा रहे है और मामले की लीपापोती में लगे हुए है। कुछ छुटभईय्ये नेता भी मामले को दबवाने सक्रिय हो गये है। यहां तात्कालिक सरपंच व सचिव द्वारा 272 शौचालयों को केवल कागजों में ही बना दिया गया है।
वर्ष 2016-17 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत सिमकेदा में 248 तथा सीएसआर मद से 170 कुल 418 शौचालय स्वीकृत हुए थे। इसके लिए ग्राम पंचायत को विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी बनाया गया था। तात्कालिन सरपंच व सचिव द्वारा शौचालय निर्माण में जमकर अनिमितता बरती गई। उनके द्वारा केवल 146 शौचालयों को आधा.अधूरा बनाने के बाद शेष शौचालयों को कागजों में ही बनवा दिया गया तथा लाखों रूपए की राशि अधिकारियों के साथ मिली भगत कर निकाल ली और हजम कर लिया। इस दौरान हितग्राहियों को लगातार घुमाया जाता रहा। ग्रामीणों ने जब इस संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकलवाई तो उन्हें पता चला कि हितग्राहियों के घरों पर शौचालय बनवा दिया गया है तथा उसकी राशि भी निकाली जा चुकी है। तब ग्रामीणों ने हितग्राहियों की सूची लेकर उनसे संपर्क किया। तब पता चला कि गांव में अधिकांश हितग्राहियों के घरों पर शौचालय ही नहीं बनाये गये है केवल 146 लोगों के घरों पर शौचालय बना हुआ मिला। वह भी आधा-अधुरा व गुणवत्ताहीन है। इसकी तत्काल शिकायत जनपद पंचायत के अधिकारियों से की गई। किंतु अधिकारियों ने शिकायत पर संज्ञान लेने के बजाय इसे ठण्डे बस्ते में डाल लिया।
इसकी जानकारी कोरबा के सामाजिक कार्यकर्ताओं को हुई तो उन्होंने पुनःजनपद पंचायत के सीईओ एवं अन्य अधिकारियों के संज्ञान में लाकर मामले की जांच कराये जाने की मांग की है। उन्होंने ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि ग्राम पंचायत सिमकेदा में शौचालय निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर अनिमितता हुई है। पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। जिसके द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया गया है। स्वीकृत 418 शौचालयों में से 272 का कार्य प्रारंभ ही नहीं किया गया बावजूद इसके खाते से पूरी राशि निकाल ली गई। अतःमांग है कि ग्राम पंचायत में शासन द्वारा स्वीकृत उपरोक्त कार्यों में की गई अनिमितता एवं आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाये। इससे पहले भी उक्त सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा कोरबा विकासखंड के फूलसरी, कछार, पसरखेत एवं मदनपुर ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण में हुई अनिमितता को उजागर करते हुए जांच की मांग प्रशासन से की थी। प्रशासन द्वारा मामले की जांच कराये जाने पर अनिमितता की पुष्टी हुई जिस पर प्रशासन द्वारा तात्कालिन सरपंच एवं सचिवों को दोषी मानते हुए उनसे राशि रिकव्हरी किये जाने का आदेश अधिकारियों को दिया है।