November 22, 2024

पुलिस ने की पहल और रजामंदी से थाने में सजातीय युवक- युवती का कराया विवाह

कोरबा 15 अप्रेल। आमतौर पर पुलिस के कार्यों को लेकर आमजन यही जानते हैं कि पुलिस अपराधों की रोकथाम और कानून का पालन कराने को लेकर सख्ती बरतती है। किंतु इसके अलावा समाज मे पुलिस का एक और चेहरा है जो उसके सामाजिक दायित्व को दर्शाता है। पाली पुलिस ने भी एक अनुकरणीय पहल कर समाज में अनूठी मिशाल पेश की है।

मामला यह है कि पाली थाना क्षेत्र में सजातीय बालिग युवक- युवती के विवाह को लेकर उन दोनों के परिजन तो पूर्ण रूप से सहमत थे किंतु समाज के कुछ लोग इस रिश्ते से असहमत थे और लगातार आपत्ति दर्ज करते हुए बाधा उत्पन्न कर रहे थे। युवक- युवती के परिजनों द्वारा अनेकों बार समाज मे भी अपनी बात रखी गई पर उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा था। तब थक हार कर युवक-युवती और उनके परिजन बीते 14 अप्रैल को पाली थाना की शरण मे पहुँचे और उपस्थित थाना प्रभारी लीलाधर राठौर से भेंट कर अपनी आपबीती बयां की। थाना प्रभारी द्वारा मामले से अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया और उनसे मार्गदर्शन लेकर इस विवाह में बाधा उत्पन्न कर रहे समाज के लोगों को थाना तलब कर बालिग के अधिकार के बारे में बताते हुए उन्हें समझाइश दी गई और युवक- युवती के परिजनों के मध्य आपसी सहमति कराई गई जिसके पश्चात निरीक्षक श्री राठौर द्वारा अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए परिजनों व समाज के लोगों की रजामंदी से युवक- युवती का थाने में ही औपचारिक वरमाला के जरिये विवाह कराया गया और उन्हें सुखमय जीवन की शुभकामनाएं देते हुए जारी लाकडाउन हटने पश्चात कोविड दिशा- निर्देश का पालन करते हुए सामाजिक रीति-रिवाज के साथ विवाह करने के अलावा जिला पंजीयन कार्यालय में जाकर अपने विवाह का पंजीयन कराने की सलाह दी गई।

एक सूत्र में बंधे युवक- युवती व उनके परिजनों द्वारा पाली पुलिस की इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया गया है।पुलिस ने जिस तरह से एक समाज को संगठित करने में अपनी भूमिका निभाई वह वाकई काबिले तारीफ व अनूठी मिशाल है। इस विषय पर निरीक्षक लीलाधर राठौर ने बताया कि युवक या युवती के बालिग होने पश्चात ऐसे मामले में उन्हें निर्णय लेने का कानूनी अधिकार रहता है लेकिन घर अथवा सामाजिक कारणों से कभी- कभी वे गलत कदम अख्तियार कर लेते है जो परिवार व समाज के लिए अनुचित रहता है। इन्ही सब बातों को ध्यान में रख यह पहल की गयी। पुलिस की इस पहल में उप निरीक्षक आर एस मिश्रा, प्रधान आरक्षक अश्वनी निरंकारी, आरक्षक नरेंद्र पाटनवार, प्रवीण कश्यप का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।

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