गुजरात दंगे के आरोपी की हत्या, पैरोल पर आया था जेल के बाहर
अहमदाबाद 3 मई: कालू ठाकोर पर उस भीड़ में शामिल होने का आरोप है जिसने 97 निर्दोष लोगों को मार डाला था, इनमें अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे. घटना अहमदाबाद के नरोदा पाटिया नामक स्थान पर साल 2002 की 28 फरवरी के दिन घटित हुई थी, यानी कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाए जाने की घटना के ठीक एक दिन बाद, जिसमे 59 निर्दोष हिन्दू मारे गये थे.
जेल की सजा काट रहे कालू ठाकोर की अहमदाबाद में दो लोगो ने सरेआम हत्या पैसों के लेनदेन के मामले में शनिवार को कर दी.कालू ठाकोर हाल ही में जेल से पैरोल पर बाहर आया था.पैसों के लेनदेन संबंधित मामले में उसकी धारदार हथियार से दो लोगों ने मिलकर हत्या कर दी.
नरोदा पुलिस ने बताया है कि इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये घटना कृष्णानगर चौराहे के पास शनिवार रात की है. नरोदा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर परेश खंबाला ने बताया कि, ”ठाकोर का इन दो हत्यारोपियों के साथ पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद था. हत्या की घटना की खबर मिलने के बाद हमने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनमें से एक नाबालिग है. एक अपराधी की शिनाख्त कमलेश चुनारा के रूप में हुई है.