December 24, 2024

शिक्षा विभाग से गठित मास्टर ट्रेनर द्वारा वर्चुअल कार्यशाला आयोजित

कोरबा 9 जून। अध्ययन-अध्यापन में शिक्षकीय ज्ञान का शत-प्रतिशत तभी संभव है, जब स्कूल और कक्षा में बच्चों की उपस्थिति भी शत-प्रतिशत हो। यह चुनौती पार करने पर ही पूरी पीढ़ी शिक्षित की जा सकती है। इसके लिए शिक्षा को रूचिकर बनाना होगा और स्कूलों में पानी, खेलकूद, सुरक्ष के इंतजाम के साथ अतिरिक्त गतिविधियों का संचालन आवश्यक है। बच्चे के साथ उनके माता-पिता को भी स्कूल की ओर आकर्षित करने की जरूरत है। पालकों के मद स्कूल परिसर तक खींचे जा सकें तो सुविधा व संसाधनों के विकास के लिए जन-सहयोग भी पाया जा सकता है।

यह बातें शिक्षा विभाग से गठित समूह क्रमांक-छह के तत्वावधान में आयोजित वर्चुअल कार्यशाला में शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान कर रहे मास्टर ट्रेनरों ने कहीं। जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय के दिशा-निर्देश में जिले के समस्त शालाओं में क्लस्टरों का गठन किया गया है। इसमे प्रभारी मंत्री की ओर से चयनित सदस्य समिति के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। उन्हें शिक्षा विभाग के शिक्षक अलग-अलग समूह बनाते हुए संकुल नोडल प्राचार्यों की उपस्थिति में मास्टर ट्रेनर वर्चुअल कार्यशाला आयोजित करते हैं। बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति कैसी की जा सकती है। इसी तरह शालाओं में पानी- खेलकूद के लिए मैदान, बाउंड्रीवाल, मंच व सड़क जन सहयोग से पूरे किए जा सकते हैं। डाइट के व्याख्याता एवं समूह-छह के मास्टर ट्रेनर गौरव शर्मा ने शाला विकास के तरह तरह के छोटी-छोटी बातों को बहुत अच्छे से समझाया। वसुंधरा कुर्रे ने अपने अनुभव बताते हुए बच्चों को कैसे स्कूल से जोड़ा जाए, कैसे बच्चों में सर्वागीण विकास हो, इसे विस्तार से समझाया। आभार प्रदर्शन अनिता ओहरी व संचालन गौरव शर्मा ने किया और कार्यक्रम राकेश टंडन व सर्वेश सोनी भी शामिल हुए।
इस तरह उनके कार्य, दायित्व व कर्तव्यों को बताया जा रहा, ताकि जिले के समस्त शालाओं में विकास हो सके। इसी क्रम में समूह क्रमांक.छह के मास्टर ट्रेनर एवं संकुल नोडल प्राचार्य अनिता ओहरी, मास्टर ट्रेनर मुकुंद उपाध्याय, गौरव शर्मा, वसुंधरा कुर्रे, जवाहरलाल देवांगन, उत्तम सिंह मरावी ने संकुल पाली शैला स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के अध्यक्ष व सदस्यों को ट्रेंनिग दी। डीईओ पांडेय की उपस्थिति में उनके कार्य व दायित्व को बताया गया। इस एक दिवसीय कार्यशाला में आठ स्कूल के समिति अध्यक्ष, सदस्यगण व शिक्षक समेत 100 ने भागीदारी दी।

डीईओ पांडेय ने उपस्थित अध्यक्ष, सदस्यों व शिक्षकों को छत्तीसगढी भाषा में संबोधित करते हुए कहा जिस प्रकार पहले गुरुकुल की व्यवस्था थी, उसी प्रकार से आप अपने गांव के शालाओं को मिल-जुलकर बना सकते हैं। स्कूल सरकारी नाव के हे वास्तव में ये सरकारी नही तुंहर गांव के हे, उद्बोधन की अगली कड़ी में नोडल प्राचार्य अनिता ओहरी ने भी छत्तीसगढी में ही सदस्यों के कार्य, उनके दायित्व को बारीकी से बताया। मास्टर ट्रेनर मुकुंद उपाध्याय ने अपने अनुभव साझा करते हुए अपनी शाला और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षक को प्रगतिशील रहने पर बल दिया

Spread the word