December 23, 2024

आत्मनिर्भर भारत पैकेज: सरकार की एक साल की कुल कमाई से भी ज्यादा हैं 20 लाख करोड़ रुपये

हाइलाइट्स:
@ कोरोना के खिलाफ जंग के बीच देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम ने किया महापैकेज का ऐलान

@ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज का ऐलान किया

@ यह रकम सरकार की राजस्वों के जरिये कुल सालाना कमाई से भी ज्यादा है, जीडीपी के करीब 10% के बराबर

नई दिल्ली
कोरोना वायरस से पीड़ित अर्थव्यवस्था के इलाज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कल 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज ( Aatmanirbhar Bharat Economic Package) की घोषणा की है, वह सरकार की 1 साल की कुल राजस्व कमाई से भी ज्यादा है। इस समय साल भर में सरकार का कुल टैक्स रेवेन्यू 15 लाख करोड़ रुपये (India’s total tax revenue) के करीब आ रहा है। इसमें नॉन टैक्स रेवेन्यू (Non-Tax Revenue) के 3.45 लाख करोड़ रुपये को भी जोड़ दिया जाए, तो भी इतने पैसे नहीं होते हैं। हालांकि चालू वित्त वर्ष के बजट में तो 20 लाख करोड़ से भी ज्यादा की राजस्व आमदनी का अनुमान लगाया गया है, लेकिन इसका पूरा होना मुश्किल दिखता है।
कहां से आता है पैसा
वित्त वर्ष 2019-20 की आमदनी के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल सरकार को प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष कर से कुल मिलाकर 15.04 लाख करोड़ रुपये आए। इसमें से ज्यादातर हिस्सा मतलब 11 लाख करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा कारपोरेशन टैक्स और इनकम टैक्स के मद में आए। पिछले साल कस्टम ड्यूटी मद में सवा लाख करोड़ रुपयेऔर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी मद में करीब ढाई लाख करोड़ रुपये आए। 1200 करोड़ रुपये सर्विस टैक्स के रूप में मिले जबकि जीएसटी के रूप में 6.12 लाख करोड़ रुपये मिले। 6884 करोड़ रुपये केंद्र शासित प्रदेशों के टैक्स से सरकार को मिले। लेकिन इस राशि में से 6.56 लाख करोड़ रुपये राज्यों का हिस्सा भी गया। इस तरह से केंद्र सरकार के हाथ में बचे 15.04 लाख करोड़ रुपये।

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नॉन टैक्स रिवेन्यू की भी अच्छी हिस्सेदारी
आलोच्य अवधि में सरकार को नॉन टैक्स रेवेन्यू मद में भी 3.45 लाख करोड़ रुपये मिले। इस दौरान केंद्र सरकार की कंपनियों से डिविडेंड और प्रॉफिट के रूप में करीब दो लाख करोड़ रुपये मिले तो other non tax रेवेन्यू के मद में 1.32 लाख करोड़ रुपये मिले। सरकार को इंटरेस्ट रिसीट मद में भी 11027 करोड रुपये मिले। इसके अलावा कुछ और नॉन टैक्स रिवेन्यू मिले जो कि केंद्र शासित प्रदेशों से आए थे। टैक्स और नॉन टैक्स रेवेन्यू दोनों को मिला दें तो यह 18.50 करोड़ रुपये से थोड़ा सा ज्यादा होता है।

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शेष जुटाना पड़ता है बाजार उधारी के जरिए
टैक्स और नॉन टैक्स रेवेन्यू के अलावा जो भी राशि बचती है उसे कैपिटल रिसिट के जरिए जुटाना पड़ता है। पिछले साल का बजट करीब 27 लाख करोड़ रुपये का था, जबकि टैक्स और नॉन टैक्स रिवेन्यू से 18.50 लाख करोड़ रुपये आए। मतलब 848000 करोड़ रुपये कैपिटल रिसिप्ट के जरिए जुटाए गए। कैपिटल रिसिट में अधिकतर हिस्सेदारी बाजार से उधारी की होती है।
(NBT)

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