वैकल्पिक मूल्यांकन का निर्णय स्वागत योग्य लेकिन छात्रों से भेदभाव ना करें सरकार:- बद्री अग्रवाल
Korba.कोविड 19 कोरोना वायरस महामारी के संकटकाल में विश्वविद्यालय परीक्षा के संदर्भ में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का अभाविप के पूर्व संयोजक बद्री अग्रवाल ने स्वागत किया है साथ ही सरकार पर कुछ प्रश्नचिन्ह भी लगये है |
युवा भाजपा नेता बद्री अग्रवाल ने कहा कि प्रथम व द्वितीय वर्ष के नियमित छात्रों का वैकल्पिक मूल्यांकन करने का फैसला स्वागतयोग्य है, किंतु प्रथम, द्वितीय वर्ष के स्वाध्यायी छात्रों के साथ ये छलावा है, यदि प्रदेश में हम विद्यार्थियों की संख्या पर नजर डाले तो रेगुलर से ज्यादा प्राइवेट विद्यार्थी प्रथम, द्वितीय वर्ष की परीक्षा देते है, प्रदेश के हजारों प्राइवेट परीक्षा देने वाले छात्र सरकार के इस निर्णय से स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे है, साथ ही अंतिम वर्ष, 4 सेमेस्टर, DCA, Pgdca, के छात्र भी इस निर्णय से आहत है, सरकार को अपने फैसले पर पुर्नविचार करते हुए सभी छात्रों के साथ भेदभाव को छोड़कर सामान निर्णय लेने की आवश्यकता है |
बद्री अग्रवाल ने कहा की सत्ताधारी दल के छात्र संगठन के कार्यकर्ता सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए छात्रो को भ्रमित कर रहे हैं जो की निंदनीय है, छात्रो को प्रमोट ना करते हुए उनके बचे हुए परीक्षाओं के वैकल्पिक मूल्यांकन का आदेश सरकार द्वारा दिया गया हैं। सरकार द्वारा आगामी सत्र में छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर रेगुलर छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए इस तरह का भेदभावपूर्ण निर्णय लेते हुए उन्हें भ्रमपूर्वक खुश कर अपने पाले में लेने का प्रयास किया गया है, ऐसे भेदभावपूर्ण निर्णय से छात्रों की मानसिकता भ्रमित होती है और पूरे प्रदेश के प्राइवेट छात्रों एवं अंतिम वर्ष के छात्रों में भारी रोष है सरकार को अपने फैसले को पुनर्विचार करते हुए सभी छात्रों को समान अधिकार देते हुए प्रमोशन का मापदंड तय करना चाहिए |बद्री ने आमजनों से अपील की है कि मास्क ,सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंस का अनिवार्य रूप से पालन करें ।