December 25, 2024

वजन त्यौहार के लिए घर-घर आमंत्रण दे रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं

बच्चों में पोषण का स्तर मापने वजन त्योहार 16 जुलाई तक

कोरबा 7 जुलाई। बच्चों में कुपोषण की स्थिति का पता लगाने के लिए 7 से 16 जुलाई 2021 तक वजन त्यौहार का आयोजन किया जाएगा। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए हितग्राही बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में बुलाकर पोषण स्तर की जांच की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों के मार्गदर्शन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग का आमंत्रण पत्र घर-घर जाकर बच्चों के अभिभावकों को दिया जा रहा है। बच्चे सहित आंगनबाड़ी केंद्र में पहुंचकर अपने सामने वजन कराने, उसका पोषण स्तर जानकर आवश्यक सलाह प्राप्त करने का आग्रह कार्यकर्ताएं कर रही हैं।

उल्लेखनीय है कि जिले में पांच वर्ष से कम आयु के एक लाख आठ हजार बच्चों के पोषण स्तर आंकलन के लिए वजन त्यौहार का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान पांच वर्ष तक के बच्चों का वजन और ऊंचाई ज्ञात किया जाएगा तथा बच्चों में बौनापन और दुर्बलता की भी जांच की जाएगी। पोषण स्तर की जांच उपरांत बच्चों का आयुवार रिकॉर्ड मोबाइल एप्प में एंट्री किया जाएगा। वजन त्यौहार के दौरान जिले के लगभग 30 हजार से अधिक 11 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं को भी इस अभियान में शामिल किया गया है। किशोरी बालिकाओं का हिमोग्लोबिन लेवल की जांच के साथ बीएमआई भी ज्ञात किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिले वासियों से वजन त्यौहार में सहभागी बनने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वजन त्यौहार के दौरान पांच वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों तक लाकर पोषण स्तर की जांच करवाएं। कलेक्टर श्रीमती साहू ने 11 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं को भी अपने हिमोग्लोबिन स्तर की जांच करवाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों तक आने को कहा है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री ए. पी. किस्पोट्टा ने बताया वजन त्यौहार के आयोजन की निगरानी के लिए निगरानी दल का भी गठन किया है। वजन त्यौहार कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाया जाएगा। इस दौरान कोविड-19 पॉजिटिव बच्चे और परिवार को वजन त्यौहार में शामिल नहीं किया जाएगा। बच्चों की कोविड जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उनका वजन लिया जाएगा। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मितानिन मौजूद रहेंगे। वजन त्यौहार में सामुदायिक सहभागिता के लिए गांवों में वॉल राईटिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

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