खेती-किसानी, पशुपालन एवं मुर्गी पालन के संबंध में मौसम विभाग ने जारी किए सलाह
कोरबा 8 जुलाई। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार कोरबा जिले के अधिकांश भागों में आने वाले दिनों में हल्की से भारी बारिश की होने की संभावना जताई गई है। आगामी पांच दिनों में मौसम के पूर्वानुमानों को देखते हुए जिले के किसानों के लिए खेती, पशुपालन एवं मुर्गी पालन के संबंध में सलाह जारी किए गए हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार जिले में आने वाले पांच दिनों में अधिकतम तापमान लगभग 33 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए जाने की संभावना है। इन मौसम पूर्वानुमानों के आधार पर मौसम विभाग ने खेती-किसानी,एवं बागवानी फसलों के लिए भूमि की तैयारी के संबंध में तथा मौसम को देखते हुए पशुओं की देखभाल संबंधी सलाह भी जारी किए हैं। किसानों को पशुपालन एवं मुर्गीपालन के लिए आवश्यक तैयारी एवं सावधानी बरतने के लिए भी सलाह जारी किए गए हैं।
मौसम विभाग द्वारा जारी सलाह अनुसार आगामी पांच दिनों के लिए जिले के किसानों को हल्की जमीनों में 100 से 115 दिन में पकने वाली धान की दंतेश्वरी, पूर्णिमा एवं इंदिरा बारानी किस्में अन्नदा, समलेश्वरी, एमटीयू-1010 एवं आर आर-36 फसलें लगाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि प्रमाणित बीज की उपलब्धता नहीं होने पर धान के इन किस्मों को 17 प्रतिशत नमक के घोल एवं बावीस्टीन से उपचार कर बुवाई कर सकते हैं। मौसम विभाग ने मवेशियों की सुरक्षा के संदर्भ में सलाह देते हुए कहा है कि मवेशियों को कुएं, हैंडपंप आदि का साफ पानी पिलाएं उन्हें तालाब का एवं गड्ढों में भरा पानी पीने ना दे। धान की फसलों की कतार बोनी के बाद धान में बुवाई के 3 दिन के अंदर अंकुरण आने के पहले पेंडिमेथेलिन 1.25 लीटर प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं। किसानों को जारी सलाह अंतर्गत रोपा धान में सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए बुवाई के 3 से 7 दिन के अंदर एक हेक्टेयर खेत में ब्यूटाक्लोर की 3 लीटर दवा को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने को कहा गया है। इसी प्रकार बागवानी फसलों के संबंध में किसानों को केले के पौधों की रोपाई का कार्य शुरू कर देने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने जिले के पशुपालकों को सलाह दी है कि इस समय गाय के बछड़े को जन्म के 15 दिन बाद से ही पिपराजिन साल्ट या हेलमासिड दवा या 30 मिली 3 माह तक हर माह पिलाना चाहिए। पशुपालकों को अपने मवेशियों को गलघोटू एवं लंगडी रोग से बचाने के लिए टीकाकरण करवाने की सलाह दी गई है। इसी प्रकार मौसम विभाग ने मुर्गी पालकों को सलाह देते हुए कहा है कि मुर्गियों को रानीखेत बीमारी से बचाने के लिए पहला टीका एफ-1 सात दिनों के अंदर तथा दूसरा टीका आर-टू-बी 8 सप्ताह की उम्र में लगवाना चाहिए । बारिश के समय में पशुओं के बाड़े में मक्खियां भी बहुत ज्यादा आती हैं इसलिए मक्खियों के नियंत्रण के लिए बाड़े के फर्श को फिनायल युक्त पानी से रोज धोने की सलाह दी गई है।