शिक्षा विभाग के लिपिक मानसर की मौत की हो न्यायिक जांचः सिन्हा
कोरबा 13 जुलाई। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने कलेक्टर कोरबा को पत्र लिख कर कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लिपिक श्याम कुमार मानसर की जहरखुरानी करने की वजह से अपोलो अस्पताल बिलासपुर में मृत्यु हो गई। लिपिक मानसर द्वारा आर्थिक तंगी के चलते किसी बैंक में मैचुअल फंड के तहत जमा राशि को लेकर तनाव में थे, ऐसा विभागीय अधिकारियों का कहना है।
जहरखुरानी के कारण बीइओ संजय अग्रवाल ने एनकेएच निजी अस्पताल में भर्ती कराया, उसके पश्चात स्थिति में सुधार न होने पर अपोलो अस्पताल बिलासपुर रेफर किया गया था। जहां उसकी मौत हो गई। लिपिक श्याम कुमार मानसर मौत ने अनेक सवाल खड़े गए हैं। बीइओ संजय अग्रवाल द्वारा निजी अस्पताल एनकेएच में दाखिल जहरखुरानी लिपिक मानसर का स्वयं बयान लेना, इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो नियमों के विरुद्ध तथा मामले को उलझा दिया। कोई भी व्यक्ति जहर खुरानी करता है तो उसे तत्काल किसी अस्पताल में दाखिल किया जाता है। अस्पताल की ओर से तुरंत स्थानीय पुलिस व दंडाधिकारी के उपस्थिति में गंभीर रूप से दाखिल मरीज का बयान लिया जाता है, लेकिन संजय अग्रवाल ने स्वयं बयान लेकर इंटरनेट मीडिया में बयान को वायरल कर दिया। इससे पता चलता है। कि मामला संदेह के दायरे में यानी मानसर की मृत्यु संदेहात्मक रूप ले लिया है। सिन्हा ने बताया कि बीइओ संजय अग्रवाल या डीओ सतीश पांडे द्वारा तत्काल किसी दंडाधिकारी या स्थानीय थाने में सूचना देकर बयान दर्ज कराना चाहिए था लेकिन विभाग के अधिकारी या स्थानीय निजी अस्पताल के डाक्टर द्वारा स्थानीय मजिस्ट्रेट या पुलिस को सूचना ना देकर नियमों की घोर अवहेलना की गई है। मृत लिपिक के समर्थन में अभी तक कर्मचारी संघ आगे नहीं आए हैं जिससे मृत लिपिक के परिवार बेसहारा हो गए। सिन्हा ने कलेक्टर से मांग की कि लिपिक मानसर की चिकित्सालय में दाखिला के समय स्थानीय दंडाधिकारी या पुलिस को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बयान दर्ज क्यों नहीं कराया, इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच की जाए ताकि मृत परिवार को न्याय मिल सके।