नहाने के दौरान बालक डूबा, नहर में पानी कम नहीं करने पर नागरिकों ने किया चक्काजाम
कोरबा 21 जुलाई। सीतामणी क्षेत्र के नाराज लोगों ने आज कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। लोग इस बात से खफा हैं कि नहाने के दौरान एक बालक के लापता होने की जानकारी मिलने पर भी जल संसाधन विभाग ने नहर का जल स्तर कम नहीं किया। इसके चलते राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कतें हो रही है।
दो दिन पहले सीतामणी इमलीडुग्गू क्षेत्र में रहने वाला युगल 10 वर्ष नहाने के दौरान बांई तट नहर में डूबने के साथ लापता हो गया। वह अपने कुछ दोस्तों के साथ नहाने के लिए नहर में उतरा था। इस दौरान तेज बहाव के चलते युगल का नियंत्रण गड़बड़ा गया और वह गोता लगाते हुए गहराई में चला गया। उसके साथियों ने यहां-वहां नजर दौड़ाई। युगल के अदृश्य होने पर वे घबरा गए और किनारे पर आ गए। इसके बाद परिजनों को अवगत कराया गया। मोहल्ले के कई कुशल गोताखोरों को नहर में उतारा गया। स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। कई घंटों की मशक्कत के बाद बालक का कोई पता नहीं चल सका। पुलिस के स्तर से जल संसाधन विभाग को मामले से अवगत कराया गया। इसके बाद भी नहर में प्रभावित किये गए पानी के दबाव को कम करने की दिशा में कोई काम नहीं किया गया। इससे संबंधित क्षेत्र में लापता हुए बालक को खोजने में असुविधा हुई। गोताखोरों ने भी इसे लेकर शिकायत की। 48 घंटे बीतने पर भी कोई नतीजे नहीं आने से यहां के लोग नाराज हो गए। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सीतामणी स्टेशन तिराहा पर चक्काजाम कर दिया। इससे तीन दिशाओं की आवाजाही बाधित हो गई।
संबंधित मार्गों पर आने-जाने वाले लोगों को परेशानी हुई। नेतृत्व करने वाले पार्षद सुफल दास महंत, उर्वशी राठौर और अन्य लोगों से कोतवाली टीआई विवेक शर्मा ने बातचीत की और समझाईश देने का प्रयास किया। लोगों का कहना है कि जब तक नहर का जल स्तर कम करने में जल संसाधन विभाग रूचि नहीं लेगा प्रदर्शन जारी रखा जाएगा। बताया गया कि इस विषय को लेकर कार्यपालन अभियंता को जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।
सिंचाई विभाग के द्वारा नहरों में पानी छोड़े जाने के पीछे उद्देश्य सुनिश्चित किये गए हैं। मुख्य रूप से इसका उपयोग कृषि कार्यों के लिए किया जाना है। आम निस्तार के मामले में यह सुविधा नहीं है। इसी के मद्देनजर विभाग के द्वारा अनेक स्थानों पर चेतावनी देने वाले बोर्ड लगाए गए हैं जिनमें साफ तौर पर लिखा गया है कि नहर में उतरना और नहाना वर्जित है। इस दौरान होने वाली दुर्घटना की जिम्मेदारी विभाग की नहीं होगी। यह बात अलग है कि रिहायशी क्षेत्रों के आसपास नहरों में उतरने के लिए सीढ़ियां भी बनाई गई है। ऐसे में इसके उद्देश्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं।