वन अधिकार पट्टा के दावों का होगा आनलाइन निराकरण
कोरबा 29 जुलाई। कई पीढ़ियों से वन भूमि में निवास करने के वाले आदिवासी परिवार अब वन भूमि पट्टा के लिए आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। साथ जिन्हे पट्टा मिल चुका है और उसमें राजस्व संबंधी परेशानी आ रही है उसका भी निराकरण होगा। इसकी शुरूवात के लिए प्रदेश भर में इसके दो जिले के दो विकासखंड को चुना गया है। जिसमें जिले का पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड भी शामिल है।
तकनीकी प्रक्रिया की शुरूआत यहां चार अगस्त से शुरू हो जाएगी। आवेदन प्रक्रिया के शुरू होने से ग्रामीणों को कागजी कार्रवाई के लिए सरकारी कार्यालयों की चक्कर काटना नहीं पड़ेगा। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से शुरू की जा रही इस पायलट प्रोजेक्ट को आदिवासी बाहुल्य जिलों के हित के तौर पर देखा जा रहा है। अधिकांश हितग्राहियों पट्टों में राजस्व संबंधित विवाद हैं। इनमें ऐसे में भी आदिवासी हैं, जिन्होने मेनुअल आवेदन किया है लेकिन उन्हे अभी तक वन अधिकार पट्टा नहीं मिला है। वन अधिकार पट्टा आवेदक की सूची में नाम शामिल होने के आधार पर जमीन में कब्जा किया है। ऐसे भी आदिवासी परिवार हैं जिन्होने वन भूमि की जमीन में खेती करना वर्षों पहले शुरू कर दिया है पर उन्हे अभी तक अधिकार पत्र नहीं मिला है। ऐसे लोगों के लिए आनलाइन आवेदन और निराकरण सहयोगी साबित होगा। आनलाइन आवेदन के बाद निराकरण प्रक्रिया कहां तक हो चुकी है, यह जानकारी आवेदकों को मिलेगी। साथ ही ऐसे लोग जिन्होने फर्जीवाड़ा से जंगल की जमीन पर कब्जा किया है उनका आवेदन निरस्त होगा। भले ही शासन ने आदिवासियों के हित में पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करने का निर्णय लिया है लेकिन नेटवर्क की समस्या होने से आनलाइन आवेदन निराकरण की राह आसान नहीं है।
एसडीएम पोड़ी उपरोड़ा के एसडीएम संजय मरकाम ने वन भूमि पट्टा के लिए आनलाइन आवेदन शुरू शासन से पत्र मिला है। प्रक्रिया की शुरूवात के लिए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए दो चार अगस्त तक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होगा। रायपुर आने वाले प्रशिक्षक जनप्रतिनिधियों से विभाग के कर्मचारियों को संपूर्ण जानकरी देंगे।