November 24, 2024

सहकारी समिति के कर्मचारी हड़ताल पर, किसानों की बढ़ी परेशानी

कोरबा 31 जुलाई। सहकारी समिति के प्रबंधक कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। हड़ताल की वजह से पिछले छह दिनों से सहकारी दुकाने बंद होने के बाद भी प्रशासन खाद बीज वितरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। किसान खुले बाजार से अधिक कीमत में खाद की खरीदी कर रहे हैं।

सहकारी समति के प्रबंधक कर्मचारियों ने ऐसे समय पर हड़ताल किया है जब खेती किसानी का काम शीर्ष पर है। किसानों ने जुताई के बाद बोआई के समय खाद डाल लिया था। अब रोपा के खाद की आवश्यकता हो रही है। बारिश का साथ मिलने से रोपाई में गति आ गई। इधर सहकारी कर्मचारी प्रबंधकों के हड़ताल पर चले जाने से दुकान में डीओ जारी नहीं हो रही है। दुकानों में खाद तो है लेकिन उसे बिक्री करने वाले की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। जिले में 41 सहकारी समिति के तहत 49 धान खरीद केंद्र संचालित हैं जहां से किसानों को खाद और बीज उपलब्ध कराई जाती। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से सहकारी दुकान से खाद खाद बिक्री पर प्रशासन स्तर पर विचार विमर्श किया जा रहा है। गांव खेती का काम जारी होने से कृषि विस्तार अधिकारियों ने भी हाथ खड़ा कर दिया है। जिला कृषि विभाग के सहायक उपसंचालक ने बताया कि जिले के 80 फीसी किसानों ने खाद का पूर्व से उठाव कर लिया है। खाद की कमी नहीं है। जिले में एक लाख 26000 क्विंटल खाद भंडारण का लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य विरूद्ध एक लाख 5180 क्विंटल खाद का भंडारण किया जा चुका है। भंडारित खाद में 75 हजार 500 क्विंटल का वितरण भी किया जा चुका है। गोदाम में 29 हजार 680 क्विंटल खाद शेष है।

गोठान से तैयार होने वाली वर्मी कंपोस्ट खाद की खेती करने की योजना जिला प्रशासन ने तैयार की थी। गोठान में खाद मिलने का अनुमान लगाते हुए इस वर्ष रासायनिक खाद का लक्ष्य कम निर्धारित किया गया । कोरोनाकाल में गोठान बंद होने के कारण पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं बन पाया है। किसानों को गोबर खाद भी नहीं मिल रहा है। वर्मी कंपोस्ट उपलब्ध कराने के दावे भी फेल हो चुके हैं। समय पर खाद नहीं मिलने के कारण किसान बिना यूरिया और फास्फेट के ही रोपाइ कर रहे हैं। इसका उपज पर होगा। जिले में लघु सीमांत किसानों की संख्या अधिक है। अधिकांश किसान अग्रिम खरीदी के बजाए आवश्यकता के समय ही खाद लेते हैं। खुले बाजार में खाद बिक्री करने वालों चांदी हो गई है। अधिक कीमत में बिक्री के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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