September 20, 2024

फ्लोराइड रिमूवल प्लांट से लोगों को मिल रहा पीने का शुद्ध पानी

जिले के 19 ग्राम पंचायतों के 22 बसाहटों में चार हजार से अधिक लोग हो रहे लाभान्वित

कोरबा 1 अगस्त। जिले के दूरस्थ वनांचलों में स्थित गांवों में लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिल रहा है। ग्रामीणों को जल स्रोतों से फ्लोराइड युक्त पानी को पीने से निजात मिल गई है। जिला प्रशासन द्वारा विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के 19 ग्राम पंचायतों के 22 बसाहटों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट स्थापित किया गया है। इन प्लांटों के द्वारा सामान्य मात्रा से अधिक मात्रा में पाए जाने वाले फ्लोराइड युक्त पानी को शुद्ध किया जा रहा है। फ्लोराइड युक्त पानी के शुद्ध हो जाने से जिले के लगभग चार हजार 614 लोग लाभान्वित हो रहे हैं। फ्लोराइड रिमूवल प्लांट से पीने का शुद्ध पानी मिल जाने से लोगों को हड्डियों से संबंधित समस्याओं से बचाव हो रहा है। पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होना शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होता है। शुरू में दांत पीले पड़ने लगते हैं फिर काले हो जाते हैं। गर्दन, पीठ, कंधे व घुटनों के जोड़ों व हड्डियां भी प्रभावित होती है। हाथ-पैर की हड्डियां टेढ़ी होने के साथ कैंसर और किडनी रोग होने का भी खतरा रहता है। फ्लोराइड शुद्धिकरण प्लांट लगने से ग्रामीणों को इन सब समस्याओं से राहत मिल गई है। ग्राम पंचायत सेन्हा के सरपंच श्री सहदेव उइके ने बताया कि उनके गांव के बेलहियापारा बसाहट में फ्लोराईड युक्त पानी का शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित किया गया है। प्लांट लग जाने से लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल शुद्धिकरण कक्ष बनाकर पानी साफ करने की मशीन लगाई गई है। मशीन से पानी साफ होकर टंकी में जमा होता है जिसे टोंटी के माध्यम से ग्रामीणजन आसानी से शुद्ध जल प्राप्त कर रहे हैं।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री समीर गौर ने बताया कि सुदूर वनांचल अनुसूचित जनजाति बाहुल्य के 22 बसाहटों में शुद्ध पेयजल की समस्या का निवारण किया गया है। इन बसाहटों में भू-गर्भीय जल स्रोत में फ्लोराइड की मात्रा 1.50 मिलीग्राम प्रतिलीटर से अधिक पाये जाने पर 22 नग इलेक्ट्रो-डी-फ्लोराइडेशन प्लांट की स्थापना की गई है। यह संयंत्र प्रतिघंटा एक हजार लीटर पानी को फ्लोराइड मुक्त करता है। उन्होंने बताया कि कुल दो करोड़ 26 लाख 60 हजार की लागत से खनिज न्यास मद से इन संयंत्रों की स्थापना की गई है। इन संयंत्रों के लग जाने से चार हजार 614 ग्रामीण आबादी लाभान्वित हो रहे हैं। इन बसाहटों में सुदृढ़ पेयजल पहुंचाने की इस योजना का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा 18 जून 2021 को किया गया था। श्री गौर ने बताया कि पेयजल स्रोतों के पानी का लैब में टेस्टिंग के दौरान अधिक मात्रा में फ्लोराइड की पुष्टि होने वाले जलस्रोतों पर फ्लोराइड शुद्धिकरण संयंत्र लगाया गया है। इस योजना के अंतर्गत अधिक फ्लोराइड युक्त बोरवेल का चिन्हांकन कर उसमें एक एचपी का पम्प लगाया गया है। बोरवेल के पास एक कक्ष बनाकर इलेक्ट्रो-डी-फ्लोराइडेशन मशीन स्थापित किया गया है। बोरवेल से अशुद्ध जल मशीन में जाता है, मशीन में शुद्ध होने के पश्चात शुद्ध जल दूसरे टंकी में जमा होता है। टंकी से टोंटी निकाला गया है, जिसको चालू करके ग्रामीणजन शुद्ध पानी ले पा रहे हैं। कार्यपालन अभियंता श्री गौर ने बताया कि विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के गांव बैरा, पोड़ीगोसाई, बिंझरा, चंद्रौटी, धजाक, दुल्लापुर, गुरसियां, जलके, झिनपुरी, तुलबुल, खोडरी, पोड़ीकला, बेलहियां, सेन्हा, पुटुवा, फुलसर, सैला, तनेरा एवं अमझर के कुल 22 बसाहटों में पीने का शुद्ध पानी प्राप्त करने के लिए फ्लोराईड रिमूवल प्लांट लगाया गया है।

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