कांग्रेस ने पहले जताया विरोध, सत्ता में आते ही सौंप दिए 10 कोल ब्लाकः अमित जोगी
कोरबा 2 अगस्त। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस ने पहले अडानी कंपनी को कोल ब्लाक देने का विरोध जताया गया। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार अब इसे ही फायदे पहुंचाने में लगी है। ढाई साल में ही 10 कोल ब्लाक अडानी को दे दी। निगम, आयोग, मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गई, लेकिन शिक्षक, एसआई भर्ती प्रक्रिया में कोरोना की वजह से देरी हो रही है। दरअसल सरकार की मंशा रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती कर बेरोजगारों युवाओं को रोजगार देना ही नहीं है।
तिलक भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए जोगी ने कहा कि दो चरणों में निगम, आयोग, मंडल के रिक्त पदों पर अध्यक्ष की हुई नियुक्ति में अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व राज्य शासन ने नहीं दिया। 38 अध्यक्षों में एक भी एससी वर्ग से नहीं है। अनुसूचित जनजाति आयोग में एसटी वर्ग से लेना स्वाभाविक है। ऐसे में इन्हें गिनती न करें, तो आदिवासी वर्ग से दो लोगों को ही पद से नवाजा गया है। जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार 81 फीसदी आबादी आदिवासियों की है। उन्होने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 15 साल में चार खदानें ही अंडानी कंपनी को दिया, लेकिन सत्ता में काबिज होने के बाद कांग्रेस सरकार ने ढाई साल में ही 10 कोल खदानें अडानी को दे दी। प्रदेश को अडानीगढ़ बनाने की पूरजोर कोशिश हो रही है। पत्रकार वार्ता में जकांछ के वरिष्ठ नेता रामसिंह अग्रवाल, दीपनारायण सोनी, पवन अग्रवाल समेत अन्य मौजूद थे।
पांच गुना अधिक दाम में खरीदना पड़ रहा रसायनिक खादः-जोगी ने कहा कि करीब चार लाख करोड़ रुपए के अनुमानित छह कोयला खदानों को सरकार में बैठे लोगों ने डील करने के बाद लेमरू एलीफेंट रिजर्व के लिए आरक्षित करीब 4000 वर्ग किलोमीटर को 450 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया। तीन दिनों में इसका प्रस्ताव बनाकर वन विभाग को भेजने कहा। पेसा कानून हटाकर कोल बेयरिंग एक्ट लाया जाता है। प्रदेश के विभिन्न जिलों के जंगलों में घूम रहे 400 हाथियों के लिए क्षेत्र का यह दायरा बहुत कम है। रासायनिक खाद की कमी से किसानों को पांच गुना दाम पर खरीदना पड़ रहा है। इस वर्ग की हितैषी बनने वाली सरकार खाद की कमी दूर करने प्रयास नहीं कर रही है।