September 20, 2024

डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए जागरूक रहना जरूरी

आयुक्त, सभापति की उपस्थिति में गीतांजलि भवन में आयोजित हुई डेंगू व जलजनित रोगों पर संवेदीकरण कार्यशाला

कोरबा 8 अगस्त। महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद ने सम्पन्न कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए सभी को जागरूक रहना आवश्यक है, विशेषकर वर्षा ऋतु के समय कीट व जलजनित बीमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती है, अतः जरूरी है कि हम इनके प्रति सतर्क रहें, आवश्यक एहतियाती कदम उठाएं तथा लोगों को जागरूक करें।

उक्त बातें महापौर श्री प्रसाद ने पुराना बस स्टैण्ड गीतांजलि भवन में आयोजित डेंगू एवं जलजनित रोगों के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु नगरीय जनप्रतिनिधिगणों, जनसेवकों की लोक स्वास्थ्य सेवाओं में भागीदारी को उत्कृष्टता प्रदान करने हेतु संवेदीकरण कार्यशाला आयोजन के अवसर पर कही। उक्त कार्यशाला जिला स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में आयोजित की गई थी। इस अवसर पर आयुक्त श्री कुलदीप शर्मा, सभापति श्री श्यामसुंदर सोनी ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की। इस मौके महापौर श्री राजकिशेार प्रसाद ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए आगे कहा कि डेंगू नामक बीमारी एडिज मच्छर के काटने से उत्पन्न होती है तथा यह मच्छर दिन के समय काटता है व स्थिर व साफ पानी में पनपता है, कूलर पानी टंकी सहित घर के ऐसे स्थानों या वस्तुओं पर जहां पानी जमाव होता है, उनकी नियमित सफाई की जाए तथा यह देखा जाए कि पानी जमाव न होने पाए। उन्होने आगे कहा कि इन बीमारियों से बचने के लिए जनजागरूकता आवश्यक है, हम सभी जनप्रतिनिधि भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं, लोगों को इस दिशा में जागरूक करें। इस अवसर पर सभापति श्री श्यामसुंदर सोनी ने भी कार्यशाला को संबोधित किया तथा कीट व जलजनित बीमारियों से बचाव हेतु जनजागरूकता पर विशेष बल दिया।

सभी का सहयोग आवश्यक- इस मौके पर आयुक्त श्री कुलदीप शर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि डेंगू, मलेरिया, पीलिया आदि कीट व जलजनित बीमारियों से बचने हेतु सतर्कता व सावधानी अत्यंत आवश्यक है तथा सभी लोगों को सजग रहने की जरूरत है। उन्होने कहा कि हम अपने घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखें, कूलरों का पानी प्रतिदिन बदले, घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें, मच्छरदानी का उपयोग करें, जलजनित बीमारियों से बचने के लिए पानी को उबाल कर तथा स्वच्छ कर ही पिए। आयुक्त श्री शर्मा ने आगे कहा कि कीट व जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि सभी लोग इनके प्रति जागरूक रहें तथा लोगों में जागरूकता लाने के लिए अपना-अपना सहयोग दें।

डेंगू रोग से बचाव के उपाय-कार्यशाला के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बी.बी.बोर्डे ने डेंगू रोग से बचाव हेतु उपायों की जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर ठहरे हुए पानी में पनपता है, जैसे कि कूलर पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की टेऊ, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायर इत्यादि, पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढंककर रखें। कूलर को खाली करके सूखा दें, यदि कूलरों तथा पानी की टंकियों को पूरी तरह खाली कर पाना संभव नहीं है तो उनमें सप्ताह में एक बार पेट्रोल या मिट्टी का तेल डाल दें। मच्छरों को भगाने व मारने के लिए मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि प्रयोग करें, यह मच्छर दिन के समय में काटता है। ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढंके, डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिये पैरासीटामॉल ले सकते हैं। एस्प्रीन का इस्तेमाल ना करें। डॉक्टर की सलाह लें, डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती किन्तु डेंगू हेमोरेजिक बुखार में प्लेटलेट्स निरंतर घटता है जो कि अत्यंत खतरनाक एवं जानलेवा होता है, डेंगू बुखार से ग्रस्त रोगी को बीमारी के शुरू के 6-7 दिन तक मच्छरदानी से ढकें हुए बिस्तर पर ही रखें ताकि मच्छर उस तक ना पहुंच पायें। इस उपाय से समाज के अन्य व्यक्तियों को डेंगू बुखार से बचाने में सहायता मिलेगी, घर के आसपास कम से कम 100 मीटर की दूरी तक कूड़ा-करकट, घांस-फूस तथा गंदगी न फैलाने दें।

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