September 20, 2024

भारत माता वाहिनी को आबकारी विभाग से नहीं मिल रहा सहयोग, 216 गांव में गठन नहीं

कोरबा 13 अगस्त। तीन माह के भीतर आबकारी को अवैध शराब की बिक्री के 188 शिकायतें मिली हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल औपचाकिता की जा रही हैं। महिलाओं को कानूनी संरक्षण देकर शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए पंचायतों में भारत माता वाहिनी का गठन आबकारी विभाग की देखरेख में करना था। 412 में से अभी भी 216 गांव में गठन नहीं किया गया है। जिन गांव में संगठन है, उन्हे भी आबकारी विभाग से सहयोग नहीं मिल रहा।

भारत माता वाहिनी संगठन को आदिवासी जिला में स्वीकृति दिए जाने के बाद भी शराब बंदी से जुड़ी महिलाओं को सहूलियत नहीं मिल रही है। महिलाएं कच्ची शराब अथवा सरकारी शराब की अवैध बिक्री के खिलाफ आवाज बुलंद नही कर पा रहे हैं। वजह यह है कि महिलाओं को न तो संगठन शक्ति के तौर पर आबकारी अधिकारियों को सहयोग मिल रहा है न ही पुलिस विभाग से। सरकारी दुकानों में शराब के दाम बढ़ने से कच्ची शराब के कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है। शिकायत का निराकरण करने आबाकारी विभाग की ओर से केवल खानापूर्ति की जा रहा है। विभाग अपना राजस्व लक्ष्य पूरा करने में मशगूल है। कारोनाकाल में कोविड नियम के दायरे से बाहर रख शराब दुकानों को खोल दिया गया था। कच्ची शराब की मांग गांव के अलावा शहर में भी है। चैतमा, छुरीकला, डिंडोलभांठा, धनुवारपारा कनकी, जटांगपुर में व्यवासिक पैमाने पर कारोबार चल रहा है।

भारत माता वाहिनी संगठन तैयार करने की जिम्मेदारी आबकारी के अलावा समाज कल्याण व महिला एवं बाल विकास विभाग को दी गई थी। विभाग में आपसी सामंजस्य नहीं होने से वाहिनी का गठन नहीं हुआ है। गांवों में महिला स्व सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिन्हे बखूबी दायित्व दिया जा सकता है। कानूनी संरक्षण नहीं मिलने से महिलाएं भी अवैध कारोबार को रोकन में अक्षम हैं। भारत माता वाहिनी गठन में शामिल महिलाओं को आबकारी विभाग से प्रशिक्षित करने का प्रावधान है। विभाग से जुड़ी वे धाराएं जिसका प्रयोग करते हुए महिला समूह आबकारी को सहयोग कर सकती हैं। प्रशिक्षित टीम के माध्यम से जनप्रतिनधि से लेकर ग्राम स्तर पर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाना था। आबकारी दायरे में रहकर शराब की अवैध बिक्री को रोकने के लिए जानकारी देने का नियम है।

Spread the word