November 22, 2024

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, पंजीयन 01 सितम्बर 2021 से प्रारंभ होगा

कोरबा 19 अगस्त। प्रदेश के भूमिहीन कृषि मजदूर के परिवारों को अब हर साल छह हजार रूपए की शासकीय सहायता मिलेगी। इस सहायता के लिए भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों का पंजीयन एक सितंबर 2021 से शुरू होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस स्वतंत्रता दिवस पर इसके लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना शुरू करने का ऐलान किया है। प्रदेश सहित सभी जिलों के भूमिहीन ग्रामीण कृषि मजदूरों को इस योजना का लाभ चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से मिलेगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए भूमिहीन कृषि मजदूरों को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। पंजीयन का कार्य 01 सितम्बर 2021 से प्रारंभ होगा और 30 नवम्बर 2021 तक जारी रहेगा। योजनांतर्गत पंजीयन के लिए भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को आवश्यक दस्तावेज-आधार कार्ड, बैंक पासबुक के छाया प्रति एवं मोबाइल नंबर के साथ आवेदन सचिव, ग्राम पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। राज्य में ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर रहता है, रबी सत्र मे फसल क्षेत्राच्छादन कम होने के कारण कृषि मजदूरी के लिए अवसर भी कम हो जाता है। कृषि मजदूरी कार्य में संलग्न ग्रामीणों में अधिकतर लघु, सीमांत अथवा भूमिहीन कृषक हैं। इसमें से भूमिहीन कृषि मजदूर को अन्य की अपेक्षा रोजगार के कम अवसर ग्राम स्तर पर उपलब्ध होते हैं। राज्य शासन द्वारा ऐसे वर्ग को संबल प्रदाय करने की दृष्टि से राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना प्रारंभ किया जा रहा है।

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजनांतर्गत लाभ लेने के लिए भूमिहीन कृषि मजदूरों को 01 अप्रैल 2021 की स्थिति में निर्धारित पात्रता रखनी होगी। योजना का लाभ लेने की पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे सभी मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि यथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। योजना से संबंधित जारी दिशा-निर्देशानुसार ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर से अभीप्राय ऐसा परिवार जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य है, कोई सदस्य किसी कृषि भूमि को धारण नहीं करता है। इसी तरह परिवार से आशय किसी व्यक्ति का कुटुम्ब अर्थात् उसकी पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता-पिता से है। कृषि भूमि धारण नहीं करना से आशय, उस परिवार के पास अंश मात्र भी कृषि भूमि नहीं होना है।

कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि धारित है अर्थात् उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह परिवार भूमिहीन परिवार की सूची से पृथक् हो जाएगा। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि, कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ ‘‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी। पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा।

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