स्व.परिवर्तन नशा मुक्ति, काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन
कोरबा 7 सितंबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में बढ़ते व्यसन के प्रचलन के कारण आज हर दूसरा घर किसी ना किसी तरह के व्यसन से प्रभावित हो रहा है, ना केवल शराब बल्कि गांजा, चरस, अफिक, सुलेशन, कफ सिरप, इंजेक्शन, कैप्सूल, गुटका, सिगरेट, बीड़ी, गुड़ाखु, तम्बाकू इत्यादि विभिन्न तरह के नशीली पदार्थों ने समाज को जकड़कर रखा हुआ है, कड़ी मेहनत से कमाई गई धन व्यसन में व्यर्थ जा रहे हैं। जिसकी वजह से घरों में आर्थिक तंगी बढ़ रही है, और आर्थिक तंगी पारिवारिक गृह क्लेश की वजह बन रही है। वहीं व्यसन के लत की भरपाई करने के लिए व्यसनी तरह तरह के क्राइम को अंजाम दे रहे हैं। जिससे उनका भविष्य जेल की सलाखों के पीछे गुजर रहा है। विगत एक दशक से विभिन्न तरह के व्यसन का प्रचलन छत्तीसगढ़ प्रदेश में चरम सीमा पर पहुंच चुका है। अब तो बड़े बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवाए किशोर भी इसकी चपेट में आकर अपना जीवन अंधकारमय बना रहे हैं। नशे की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में, छेड़खानी में, महिला उत्पीड़न में इजाफा हुआ है। वहीं डकैती, चोरी की वारदातें भी बढ़ी हैं। नशे की वजह से तलाक के मामले बढ़े हैं, घरेलू हिंसा में इजाफा हुआ है। नशे के इन सभी दुष्प्रभावों को देखते हुवे समाज को नशे के चुंगल से बाहर निकालने के लिए एक नशामुक्ति केंद्र की आवश्यकता कोरबा जिले में लंबे अरसे से महसूस हो रही थी, जिस कमी की भरपाई करने के लिए पंचशील कौशल सेवा संस्थान नें इस मानव सेवा कार्य का बीड़ा उठाने कोरबा जिले में अभूतपूर्व पहल की है। शिक्षक दिवस के अवसर पर कोरबा जिले में स्वपरिवर्तन नशामुक्ति, काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र का उदघाटन कर आम जनमानस को नई सौगात दी है। नशामुक्ति केंद्र कामदगिरि उद्यान, ग्राम हरदीबाजार जिला कोरबा में स्थित है।
पंचशील कौशल सेवा संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष नारायण केशरवानी से इस संबंध में हुई परिचर्चा में उन्होंने बतलाया कि जिले में नशामुक्ति केंद्र की कमी अरसे से महसूस की जा रही थी, कुसंग की वजह से किशोर, युवा वर्ग तीव्र गति से तरह तरह के नशीले पदार्थों का सेवन कर उसके आदि बनते जा रहे हैं। फिर नशे की लत उनके तनए मन, धन, सम्बन्ध, कैरियर सब बर्बाद कर दे रही है। नौजवानों का भविस्य अंधकारमय होता जा रहा है। समाज की इस कमी को पूरा करने के लिए पंचशील कौशल सेवा संस्थान द्वारा ग्राम हरदीबाजार क्षेत्रान्तर्गत, कामदगिरि उद्यान में स्वपरिवर्तन नशामुक्ति काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र की स्थापना शिक्षक दिवस के अवसर पर किया गया है। जिसमें व्यसनियों के लिए 30 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। कम से कम तीन महीने रहने, खाने की सुविधा के साथ व्यसनियों को व्यसन से मुक्त करने के लिए एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होमियोपेथीक, पंचकर्म, नैचुरोपैथी, योगा, राजयोगा, सात्विक भोजन, एक्सरसाइज, खेल, काउंसलिंग, मोटिवेशन इन सभी के समिश्रण से व्यसनमुक्त करने का पूरा पूरा प्रयास किया जाएगा। शिलान्यास परमात्मा द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य में निमित्त बनाई गई प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रम्हाकुमारी बहनों द्वारा करवाया गया। इस दौरान पंचशील कौशल सेवा संस्थान से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सदस्य राजेश जायसवाल, उदय नारायण जायसवाल, प्रेम जायसवाल, दिनेश जायसवाल, उदय चौधरी, नेहा चौधरी, नरेंद्र सिंह यादव, राम शर्मा, गुलशन जायसवाल उपस्थित रहे। वैसे तो औद्योगिक नगरी में योगा, ध्यान हेतु उपयुक्त हरे भरे वृक्षों से भरपुर प्राकृतिक सुंदर वातावरण मिलना बहोत मुस्किल बात है। लेकिन हरदीबाजार क्षेत्रान्तर्गत कामदगिरि उद्यान एक फलदार पेड़ों का बहोत पुराना बगीचा है। जहां बीचों बीच 30 बिस्तर स्वपरिवर्तन नशामुक्ति काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र का संचालन किया जा रहा है, जो कि व्यसनमुक्ति हेतु उपयुक्त प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर वातावरण के मध्य स्थित है।
कोरबा जिला औद्योगिक नगरी होने की वजह से मजदूर वर्ग प्रायः काम की थकान दूर करने, स्ट्रेस से क्षणिक मुक्ति पाने, कुसंग में व्यसन की राह पकड़ लेते हैं, और धीरे-धीरे यह आदत बनकर व्यक्ति को अपना गुलाम बना देती है। फिर वहां से निकलने का सहीं मार्गदर्शन ना मिलने से वह व्यक्ति स्वयं के लिए, परिवार व समाज के लिए विनासी कदम उठाकर लगातार किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुंचाता ही रहता है। स्वपरिवर्तन नशामुक्ति, काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र में ना केवल व्यसनियों के मनोदशा का उपचार होगा बल्कि गुस्सा, चिड़चिड़ापन, तनाव, अनिद्रा, डिप्रेशन से जूझ रहे मरीजों का बिना किसी मेडिसिन के सदा के लिए तनावमुक्त, खुशहाल, शांत उमंग उत्साह से भरपूर जीवन प्राप्त होगा। आर्ट ऑफ लिविंग जीवन जीने की कला सुबह उठने से लेकर रात सोने तक मनुस्य जीवन की परफेक्ट दिनचर्या को फ़ॉलो करने हेतु उचित मार्गदर्शन कर जीवन स्तर को उठाया जाएगा, गुणवान बनने की कला सिखला व्यक्तित्व निखारने हेतु मार्गदर्शन दिया जाएगा, क्योकि कई बार व्यसनी व्यसन तो छोड़ देता है पर व्यसनी के चरित्र के पतन होने की वजह से यह समाज उनको पुनः एक्सेप्ट नहीं करता व उनके प्रति घृणा, हीन भाव से रखा जाने लगता है, उन्हें कोई जल्दी काम नहीं देता उन पर विश्वास नही करता इसलिए व्यसनी को व्यसनमुक्त करने के साथ साथ उसके जीवन की गाड़ी पटरी पर लाना भी बेहद जरूरी है जिसके लिए उसके आत्मिक गुणों को जागृत कर गुणवान बनाने की विधि फॉलो करवाया जाना अत्यंत आवश्यक पार्ट है जिसे ही पुनर्वास कहा जाता है । पंचशील कौशल सेवा संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष श्री नारायण केशरवानी नें जनमानस से अपील की है कि आपकी नजर में जो कोई भी व्यसनी नजर आएं कृपया उन्हें व्यसनमुक्त बनने हेतु एक बार नशामुक्ति केंद्र के बारे में जरूर बतलायें चूंकि यह सामाजिक कार्य है और बिना किसी सामाजिक सहयोग के संभव नहीं तो हम आम जन मानस का यह कर्तव्य बनता है कि अपने मानव समाज को स्वक्ष बनाये रखने के लिए व्यसनियों को नशामुक्ति केंद्र जाने हेतु प्रेरित करें।