प्रधानमंत्री आवास बनाने में अनियमितता की जांच पूरी, एक महीने में बनाने होंगे सभी आवास
*तत्कालीन सरपंच, सचिव, ठेकेदार, रोजगार सहायकों सहित 16 को जारी हुई चेतावनी*
*नियम विरूद्ध ली गई राशि भी वसूली जाएगी, समय सीमा में काम पूरा नहीं होने पर होगी विधि सम्मत कार्रवाई*
कोरबा 17 सितंबर। ग्राम पंचायत सिमकेदा, सोलवा और श्यांग में 72 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास बनाने में अनियमितता की जांच पूरी हो गई है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने इस संबंध में मिली शिकायतों पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जांच सौंपी थी। जांच पूरी होने के बाद सीईओ ने संबंधित सरपंचो, पंचायत सचिवों, ठेकेदारों सहित रोजगार सहायक और आवास मित्रों को एक माह के भीतर सभी ग्रामीण आवासों को पूरा करने की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही हितग्राहियों से अवैध रूप से ली गई राशि की वसूली के लिए भी नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में ग्राम पंचायतों के चार तत्कालीन सरपंचों, चार सचिवों, तीन ठेकेदारों, दो रोजगार सहायकों, दो समन्वयकों और एक तकनीकी सहायक को मिलाकर 16 लोगों को चेतावनी जारी की गई है। एक माह के भीतर आवास पूरे नहीं होने और ली गई राशि वापस नहीं लौटाने पर संबंधितों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत ग्राम पंचायत सिलकेदा, सोलवां और श्यांग में 72 आवासों के निर्माण में अनियमितता, आवास लंबे समय से अधूरे रहने और हितग्राहियों से राशि लिए जाने की शिकायत मिली थी। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने इस पर जिला पंचायत को जांच का जिम्मा सौंपा था। श्री कुमार ने बताया कि इन तीनों ग्राम पंचायतों में आवास मित्र के रूप में श्री चंद्रशेखर मंझवार पदस्थ थे जो कि वर्तमान में करूमौहा ग्राम पंचायत के सरपंच हैं। तत्कालीन आवास मित्र श्री चंद्रशेखर मंझवार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए 10 हितग्राहियों से 12 लाख रूपए लिए थे। इन हितग्राहियों का योजनांतर्गत आवास आज तक नहीं बन पाया है। जांच के बाद श्री कुंदन कुमार ने बताया कि तत्कालीन आवास मित्र मंझवार को हितग्राहियों से ली गई राशि वापस करते हुए एक महीने के भीतर सभी अपूर्ण आवासों का काम पूरा कराने के लिए चेतावनी पत्र जारी किया गया है। इस समय सीमा में राशि वापस नहीं करने और आवासों का काम पूरा नहीं करने पर श्री चंद्रशेखर मंझवार के खिलाफ पंचायत अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही राशि वसूली के लिए एसडीएम कोरबा विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।
श्री कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत श्यांग में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत एक हितग्राही से ठेकेदार लखनलाल बैगा ने एक लाख 20 हजार रूपए लिए हैं। ग्राम पंचायत सिमकेंदा में चार हितग्राहियों से आवास बनाने के लिए ठेकेदार राजाराम ने चार लाख 80 हजार रूपए और दो हितग्राहियों से ठेकेदार मेघनाथ विश्वकर्मा ने दो लाख 20 हजार रूपए लिया है। इन ठेकेदारों ने आज तक किसी भी हितग्राही के आवास का काम पूरा नहीं किया है, ना ही हितग्राहियों को राशि लौटाई है। इन सभी ठेकेदारों को एक माह के भीतर आवास पूरे करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। समयावधि में काम पूरा नहीं होने पर ठेकेदारों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम पंचायत श्यांग के तत्कालीन रोजगार सहायक प्रकाश चौहान ने पांच हितग्राहियों से प्रधानमंत्री आवास की किश्त की राशि आहरण करने के समय 89 हजार रूपए वसूले हैं। इस राशि को वापस करते हुए एक माह में पांचो हितग्राहियों का आवास पूरा कराने के लिए प्रकाश चौहान को चेतावनी पत्र जारी किया गया है। समयावधि में आवास का काम पूरा नहीं होने पर रोजगार सहायक के विरूद्ध राशि वसूली की कार्रवाई कर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार ग्राम सोलवा के रोजगार सहायक किरण महंत ने हितग्राहियों से किश्त की राशि आहरण के लिए हर किश्त पर 500 रूपए लिए हैं। किरण महंत को भी हितग्राहियों को राशि वापस करने नोटिस जारी किया गया है। तीनों ग्राम पंचायतो में स्वीकृत किए गए 72 आवासों का बिना भौतिक निरीक्षण और सत्यापन किए राशि भुगतान कराने पर तत्कालीन विकासखण्ड समन्वयक लंबोदर कौशिक, कलेश्वर चौहान और तकनीकी सहायक नरेंद्र साहू को भी नोटिस जारी किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत स्वीकृत किए गए आवासों का निरीक्षण नहीं करने और इस काम में लापरवाही बरतने पर सिमकेंदा के तत्कालीन सचिव सुरेश खुंटे, श्यांग के तत्कालीन सचिव खगेश्वर पाण्डेय, वर्तमान सचिव विनोद कुमार और सोलवा के तत्कालीन सचिव पवन कुमार को एक महीने के भीतर सभी आवास निर्माण कार्य पूरा कराए जाने के लिए चेतावनी पत्र जारी किया गया है। ग्राम पंचायत सिमकेंदा की तत्कालीन सरपंच श्रीमती महेश्वरी, ग्राम पंचायत श्यांग के तत्कालीन सरपंच श्रीमती सुमरन बाई और सोलवा की तत्कालीन सरपंच श्रीमती अनुराधा को भी सभी आवासों का निर्माण एक माह के भीतर पूरा कराने के लिए चेतावनी पत्र जारी किया गया है।