November 7, 2024

क्षरण: उज्जैन के महाकाल की हुई नाप जोख, सुप्रीम कोर्ट को पेश की जाएगी रिपोर्ट

उज्जैन 30 सितम्बर। उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिवलिंग का क्षरण सबकी चिंता का विषय बना हुआ है. शिवलिंग की जांच के लिए बुधवार को एक बार फिर आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जीएसआई (GSI) की टीम यहां आयी. उसने शिवलिंग की मज़बूती की जांच की और उस पर चढ़ायी जा रही सामग्री और जल का सैंपल लिया. टीम अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी.

महाकाल पर चढ़ाया जा रहा जल और सामग्री ठीक है या नहीं. शिवलिंग कितना मजबूत है. आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जीएसआई की टीम इसकी पूरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी. भक्तों को महाकाल के दर्शन के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं उसके बाद तय होगा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आयी टीम

महाकाल मंदिर में शिवलिंग को लगातार हो रहे नुकसान (क्षरण) से सब चिंतित हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इस मामले में उसने आदेश जारी किया था कि ASI और GSI की टीम प्रति वर्ष मंदिर की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे. बुधवार को आठ सदस्यीय दल ने मंदिर पहुंचकर शिवलिंग की स्थिति का आंकलन किया. टीम ने शिवलिंग की गोलाई, ऊंचाई नापने के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाई गई सामग्री और जल का सैम्पल भी लिया. उसके बाद मंदिर परिसर में स्थित ओंकारेश्वर और नागचंद्रेश्वर मंदिर का भी जायजा लिया. दोनों टीम साझा रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगी.

शिवलिंग की जांच
महाकाल मंदिर में देश दुनिया से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. महाकाल की वर्षों पुरानी प्राचीन धरोहर की मजबूती और शिवलिंग क्षरण की स्थिति देखने के लिए एएसआई और जीएसआई की 8 सदस्यीय टीम बुधवार को सुबह महाकाल मंदिर पहुंची. टीम के सदस्यों ने महाकाल धर्मशाला में मंदिर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, पूर्णिमा सिंघी, सहित आर के तिवारी के साथ मिलकर चर्चा की. उसके बाद टीम ने महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचकर करीब आधे घण्टे तक शिव लिंग की जांच की. साथ ही शिवलिंग पर चढ़ने वाले जल और जलधारी के जल के सैम्पल भी लिए. टीम ने शिव लिंग की बारीकी से जांच कर कुछ फोटो भी लिए.

शिवलिंग पर चढ़ाए गए दूध दही का सैम्पल लिया
टीम ने शिवलिंग की ऊंचाई, गोलाई का नाप और शिवलिंग के छिद्र में लगी दूध, दही और पूजन सामग्री का सैम्पल लिया. गर्भगृह के ऊपर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के काले पत्थरों की स्थिति को जांचा. सभी सदस्य ओंकारेश्वर मंदिर के ऊपर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का जायजा लेने भी पहुंचे. विशेषज्ञों ने मंदिर के पुराने स्ट्रक्चर का आंकलन किया. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के डायरेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि हमारे साथ फिलहाल डायरेकटर साइंस राम जी निगम,जीएसआई से तपन पाल डायरेक्टर, जीएसआई के वीपी गौर सहित अन्य लोग महाकाल मंदिर का स्ट्रक्चर देखने आए हैं. इससे पहले पिछले साव अक्टूबर में दोनों टीम आयी थीं. सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि हर साल शिवलिंग और महाकाल मंदिर के ढांचे की जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाए.

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