November 24, 2024

कवर्धा जिले में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण

कवर्धा 6 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने कवर्धा में देर रात करीब 12 बजे इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। इसके बाद पड़ोसी जिलों बेमेतरा और राजनांदगांव में भी इंटरनेट बंद करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि भड़काऊ पोस्ट की शेयरिंग को देखते हुए निर्णय लिया गया है। वहीं पुलिस टीमें वीडियो और फोटो के आधार पर दंगाइयों की पहचान करने में जुटी हैं। अब तक 70 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इसमें से 59 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उपद्रव फैलाने, हिंसा भड़काने और तोड़फोड़ को लेकर तीन अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। अफसरों का कहना है कि हिंसा सुनियोजित थी। इसके लिए अलग-अलग जिलों से लोगों को बुलाया गया था।

तीन दिन पहले झंडा लगाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया था। इसकी शुरुआत मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से बुलाए गए बंद और रैली से हुई। लोग लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर निकल आए और करीब 100 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ कर दी। इस दौरान पुलिस फोर्स पर भी पत्थर फेंके गए। शहर की सड़कों पर घंटों उपद्रव चलता रहा और तमाम लोग दहशत से घरों में कैद रहे। स्थिति को संभालने के पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और फिर कर्फ्यू लगा दिया गया है।

झंडे को लेकर हुए झगड़े की मजिस्ट्रियल जांच की मांग को लेकर शहर बंद व चक्काजाम का आह्वान किया था। रैली निकालने आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। प्रशासन को भरोसा दिलाया था कि विपरीत परिस्थितियां नहीं बनने देंगे। ऐसे में प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए 11 जिलों से करीब 1500 पुलिस बल बुलाए थे। कुछ आउटर पर शहर के एंट्री पॉइंट पर तैनात थे, तो वहीं ज्यादातर हाईवे पर चक्काजाम में ड्यूटी कर रहे थे। इसके बाद भरोसा टूटा तो जवान इसे संभाल नहीं सके।

झंडे को लेकर हुए झगड़े की मजिस्ट्रियल जांच की मांग को लेकर शहर बंद व चक्काजाम का आह्वान किया था। IG विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि वीडियो फुटेज देखकर पुलिस टीम घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर रही है। जिले में धारा-144 लगे होने के बाद भी VHP ने बंद और धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। इसमें शामिल होने के लिए जिले के अलावा राजनांदगांव, बेमेतरा, मुंगेली, धमतरी और रायपुर से लोगों की भीड़ पहुंची थी। उन लोगों ने बंद के दौरान कवर्धा के चिन्हांकित वार्डों में उपद्रव मचाया और तोड़फोड़ की। उग्र प्रदर्शन के कारण शहर में शांति, साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है।

कवर्धा में हालात बिगड़ने की सूचना के बाद DGP डीएम अवस्थी और IG इंटेलिजेंस आनंद छाबड़ा कवर्धा पहुंच गए हैं। सूत्रों के अनुसार DGP अवस्थी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वहां जाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कवर्धा जाकर देर रात तक हालात की समीक्षा की। इससे पहले 3 दिन से दुर्ग रेंज के IG और ADG विवेकानंद सिन्हा कवर्धा में ही कानून व्यवस्था को संभाल रहे हैं। इसके अलावा दुर्ग SSP बद्री नारायण मीणा, कवर्धा SP मोहित गर्ग, कमांडेंट डॉ. लाल उमेंद सिंह, राजनांदगांव SP डी श्रवण समेत 10 ASP कवर्धा में हैं।

पूरा विवाद वार्ड नंबर 27 के लोहारा नाका चौक इलाके में झंडा लगाने को लेकर शुरू हुआ था। रविवार दोपहर कुछ युवकों ने अपना झंडा चौराहे पर लगा दिया। जबकि समुदाय विशेष के लोगों ने उसे उतार दिया। यही नहीं झंडे को पैरों से रौंदा भी गया और विरोध करने पर मारपीट की गई। इसी बात को लेकर दो गुटों के युवक सड़क पर लाठी-डंडे लेकर उतर आए। एक दूसरे को पीटा। पत्थरबाजी हुई। पुलिस की आंखों के सामने एक युवक को भीड़ पीटती रही। मारपीट में 8 लोग घायल हुए हैं। इनका इलाज कवर्धा के अस्पताल में कराया जा रहा है। इसके बाद सोमवार को शांति समिति की बैठक भी बुलाई गई थी।

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