December 24, 2024

हाथी नाला का जीर्णोद्धारः 30 एकड़ से अधिक सिंचाई रकबा बढ़ा, भूमिगत जलस्तर में भी हुई वृद्धि

मनरेगा से हुआ नाले का जीर्णोद्धार, ग्रामीणों को मिला रोजगार के साथ अब सिंचाई की भी सुविधा

कोरबा 15 नवम्बर। छत्तीसगढ़ शासन की महात्वाकांक्षी ग्राम सुराजी – नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना ग्रामीणों की आजीविका संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। कोरबा जिले के जनपद पंचायत पाली से 8 किलो मीटर दूर ग्राम पंचायत अलगीडांड निकलने वाला हाथीनाला लगभग नौ किलोमीटर लंम्बा है। इस नाले का पानी बारिश केे बाद सुख जाता था जिससे नाले से लाभ आसपास के रहवासियों को नही मिल पा रहा था। सरकार की नरवा विकास योजना के तहत इस हाथीनाले का जीर्णोद्धार कराया गया और अब नाले के आसपास 30 एकड़ से अधिक रकबे में सिंचाई की सुविधा बढ़ गई है।
नरवा योजना के तहत् हाथी नाला में जल व मिट्टी संरक्षण के काम कराए गए। मनरेगा के तहत नाले के आसपास के लगभग पांच गांवो के स्थानीय ग्रामीणो ने इसमें काम किया। पानी को रोकने के लिए नाले पर लूजबोल्डर, गलीप्लग जैसी संरचनाएं बनाई गई। वहीं नाले के केचमेंट एरिया में पानी रोकने के लिए रिचार्ज पीट, डाईकवाल, परकोलेसन टैंक, तालाब, फार्म बंडिग, फार्म पॉन्ड, आदि के साथ किनारे वृक्षारोपण भी कराया गया है। नाले पर जगह-जगह बनी विविध संरचनाओं का सीधा लाभ ग्रामीणों को पानी भराव एवं सिंचाई सुविधा के रूप में मिल रहा है। बारिश के बाद भी अब नाले में भरपूर पानी रहने से अलगीडाड, पोटापानी, डूमरकछार, मादन आदि ग्रामों के किसानों को 30 एकड़ से अधिक रकबे में सिंचाई की सुविधा मिल रही है। वहीं दूसरी ओर मनरेगा से तालाब निर्माण आदि कराये जाने से ग्रामीणो ं को रोजगार के अवसर भी मिलें है जिससे उनके आमदनी में वृद्धि हुई। नाला के पास के खाली खेतों में नाला उपचार के उपरांत किसानों को सिंचाई सुविधा मिलने से खेती भी की जा रही है, जिसमें ग्रामवासियों का अजीविका संवर्धन हो रहा है।
ग्राम पंचायत अलगीडांड की सरपंच श्रीमति निर्मला कंवर ने बताया कि पहले बारिश का पानी नाले में तेजी से बह जाता था। इस पानी का कोई भी उपयोग गांव वाले नहीं कर पाते थे। अब छ.ग. सरकार की नरवा विकास योजना से हाथीनाला का उपचार कराने के बाद नाला में पानी रूक रहा है, इससे भूमिगत जल स्तर भी बढ़ गया है। नाले में पानी रहने से किसान बारिश के बाद भी रबी मौसम में भी खेती कर पा रहे हैं।
अलगीडांड निवासी किसान श्री संतोष टेकाम ने बताया कि नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बड़ी योजना ग्रामीणों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास का अवसर लेकर आई है। पानी रोकने और मिट्टी का कटाव रोककर खेतों को बचाने के लिए हाथीनाला में लूजबोल्डर, गलीप्लग, रिचार्ज पीट, डाईकवाल आदि बनाए गए हैं। इससे अब नाले का पानी सीधे बह नहीं जा रहा है बल्कि नाले में रूक रहा है। इसके साथ ही पानी के तेज बहाव कम होने से नाले से लगे खेतों की मिट्टी का कटाव भी रूक गया है। श्री टेकाम ने बताया कि सरकार की इस योजना से क्षेत्र के छोटे नदी-नाले पुनर्जीवित हो रहें है। नदी-नाले पुर्नजीवित होने से ग्रामीण आत्मनिर्भर हो सकेंगें तथा जल जंगल जमीन प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं संवर्धन हो सकेगा।

Spread the word