कुसमुंडा-तरदा तक सड़क मरम्मत को लेकर व्यापारियों और आम लोगों ने मिलकर किया चक्काजाम
कोरबा 3 जनवरी। एसईसीएल के 200 करोड़ रुपए से कुसमुंडा-तरदा तक के लिए फोरलेन सड़क बनाई जानी है। प्राथमिक काम शुरू हो गया है। इसके बावजूद कई प्रकार की समस्याएं कुसमुंडा से सर्वमंगला क्षेत्र में बनी हुई है। सड़क के गड्ढे से लेकर धूल-धक्कड़ से परेशान व्यापारियों और आम लोगों ने मिलकर शिव मंदिर चौराहा पर चक्काजाम कर दिया। स्थिति ऐसी बनी कि प्रशासन के साथ-साथ पुलिस और निगम के अधिकारियों को यहां आना पड़ा। समझाईश से बात नहीं बनने पर कहा गया कि तीन महीने में व्यवस्था ठीक की जाएगी।
एसईसीएल की कोयला खदानों से होकर चलने वाले भारी वाहनों और दूसरे वाहनों के लिए इकलौता रास्ता उपलब्ध है। इसके कारण इस पर न केवल दबाव होता है बल्कि कई तरह की परेशानियां भी पेश आती है। बार-बार मौके पर लगने वाले जाम और लगातार हो रहे हादसों में मौत व लोगों के घायल होने के बाद बीच का रास्ता निकाला गया। जिला खनिज न्यास मद से 200 करोड़ से भी ज्यादा लागत के साथ इमलीछापर कुसमुंडा से होकर सर्वमंगला चौक होते हुए आगे तरदा तक फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। इसके लिए समयसीमा तय की गई है लेकिन इससे पूर्व पूरे रास्ते की दुर्गति ने लोगों को हलाकान कर रखा है। काम के भूमिपूजन के बाद से समस्या का हल निकालने के लिए कई स्तर पर सुझाव दिए गए और मांग की गई लेकिन नतीजे नहीं आए। हाल में ही क्षेत्र के लोगों ने इस मामले को लेकर जनदर्शन में शिकायत की और अलग से प्रशासन को अल्टीमेटम दिया। इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई तो नाराज लोगों ने कुसमुंडा में शिव मंदिर चौराहे पर आज सुबह चक्काजाम कर दिया। व्यापारी संघ और नागरिक इसमें शामिल हुए। क्षेत्र के विद्यार्थी भी इस आंदोलन का हिस्सा बने। पूरे चौराहे पर लोगों की भीड़ के कारण छोटे-बड़े वाहनों का निकलना बाधित हो गया। कुछ ही देर में दोनों दिशाओं में वाहनों की कतार लग गई। मौके से आसपास में फोन के जरिए सूचना पहुंचने के बाद अधिकारी हरकत में आए। पुलिस की मौजूदगी में अन्य अधिकारियों के साथ आंदोलन कर रहे लोगों की जमकर बहस हुई। अधिकारी समझाईश देने पर अड़े थे और आंदोलन कर रहे लोग हल नहीं खोजने को लेकर नाकामी पर गुस्सा निकाल रहे थे।
प्रदर्शन कर रहे लोग पूरे तेवर में थे। उन्होंने अधिकारियों की बात मानने से इनकार कर दिया। दबाव था कि जल्द ही इस प्रदर्शन को समाप्त किया जाए ताकि आवाजाही सामान्य हो और लोगों को राहत मिले। इस पर कहा गया कि लंबे समय से लोग परेशान हो रहे हैंए यह सब अधिकारियों को क्यों नजर नहीं आया। उनसे पूछा गया कि इतने समय से अधिकारी क्या करते रहे, जो अब चिंता जता रहे हैं। प्रदर्शनकर्ताओं ने अपनी नाराजगी प्रदर्शित करने के साथ कुछ मामलों में संवेदनशीलता भी दिखाई। रास्ते से आ रहे मरीजों और एम्बुलेंस वाहनों को बिना किसी दिक्कत के जाने दिया गया। इस दौरान मरीज के परिजनों एवं एंबुलेंस कर्मियों को बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी और उन्हें गंतव्य तक जाने का रास्ता मिला। इसे लेकर संबंधित लोगों ने राहत की सांस ली।
जानकारी के अनुसार प्रस्तावित फोरलेन में बड़े हिस्से पर कई तरह की समस्याएं बनी हुई है। कहीं पर गड्ढे हैं तो कहीं दूसरे तरह से परेशानियां। पूरे मार्ग में इसे लेकर आवाजाही के दौरान लोग परेशान होते हैं। बार-बार यह बात सामने आई है। इसलिए बीते महीनों में प्रशासन की व्यवस्था के अंतर्गत इस रास्ते के ब्लैक होल को भरने और जन सामान्य को सुविधा देने के लिए 2.76 करोड़ का टेंडर किया गया। इस राशि से परेशानी को निश्चित समयसीमा में दूर करने की बात कही गई। अरसा बीतने पर भी यह काम नहीं हो सका। बताया गया कि जिला प्रशासन के अधिकारी ने आज हो रहे प्रदर्शन के दौरान इस बारे में जानकारी ली और सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि बहुत जल्द इस काम को पूरा करना होगा वरना परिवर्तन करने की मजबूरी होगी।