जिला पंचायत में अब स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग की स्थायी समिति नहीं बनेगी
कोरबा 16 जनवरी। जिला पंचायत में अब स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग की स्थाई समिति नहीं बनेगी। इसका भी दायित्व अब जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर को निभाना पड़ेगा। 2 सदस्यों के इस्तीफे के बाद समिति पहले ही भंग हो चुकी है। इसकी सभापति प्रीति कंवर थी, जो अब मात्र सदस्य के तौर पर काम करेंगी। इस संबंध में कलेक्टर रानू साहू ने आदेश जारी किया है। जिपं अध्यक्ष सामान्य प्रशासन समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
जिपं उपाध्यक्ष स्थाई शिक्षा समिति के अध्यक्ष रहते हैं। बाकी स्थाई समितियों में कम से कम 3 और अधिकतम 5 सदस्य रखने का नियम है। स्थाई समितियों का गठन कांग्रेस और भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने तालमेल बनाकर किया था। 12 सदस्यों में से कांग्रेसी नहीं बल्कि भाजपा समर्थित सदस्यों को सभापति व सदस्य बनाया था। कांग्रेस समर्थित प्रीति कंवर स्वास्थ्य व महिला बाल विकास स्थाई समिति की सभापति थी। इसमें भाजपा समर्थित सदस्य संदीप कंवर और कांग्रेस समर्थित सदस्य नीलिमा सदस्य थी, लेकिन दोनों ने ही समिति से अपना इस्तीफा दे दिया। इसकी वजह से समिति भंग हो गई। अब दोबारा सदस्य नहीं बनेंगे। अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को छोड़ बाकी 8 सदस्य 3-3 समितियों के सदस्य पहले से ही हैं। इससे समिति के लिए 2 नए सदस्य नहीं है।
जिला पंचायत में 15 वे वित्त की राशि का ब्याज और जिला पंचायत निधि की ब्याज की राशि से दो करोड़ से अधिक की राशि के कार्य मंजूर हुए थे। लेकिन ऊंची क्षेत्रों में कार्यों की मंजूरी से ही सदस्यों में नाराजगी थी। इसलिए सदस्यों के बीच ही तालमेल बिगड़ गया। हालांकि जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर ने सभी कार्यों पर रोक लगा दिया है। जिला पंचायत सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में स्थाई समितियों के सभापति भी शामिल होते हैं। कोई भी एजेंडा समिति से पास होने के बाद सामान्य सभा में रखा जाता है। सभापति पद से प्रीति कंवर के हटने से अब वे इस बैठक में भी शामिल नहीं हो पाएंगी। अब इस समिति में अध्यक्ष की सीधे दखल रहेगी।