जीप जलाने वाले चार आरोपी गिरफ्तार
कोरबा 5 फरवरी। आरटीआई कार्यकर्ता के खरमोरा स्थित मकान के बाहर खड़ी थार जीप को रात को आग के हवाले करने वाले चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसमें एक कोयला के कारोबार से जुड़ा व्यक्ति शामिल है। उसने पुलिस को बताया है कि उसकी ट्रकें चलती है और आरटीआई कार्यकर्ता हमेशा उसे किसी न किसी मामले में परेशान कर लंबे समय से ब्लैकमेलिंग कर रहा था। एक अन्य आरोपित का कहना है कि पुराने रंजिश को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता से उसका विवाद हुआ था और उससे वह क्षुब्ध था। इसलिए अपने दो साथियों और कोयला कारोबारी के साथ मिल कर इस घटना को अंजाम दिया।
दो फरवरी की रात को खरमोरा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता मनीष कुमार राठौर की घर के सामने खड़ी 16 लाख की नई थार जीप को रात करीब 12.30 बजे आगे के हवाले कर दिया गया था। प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा था कि रंजिशवश पेट्रोल छिड़क कर गाड़ी को आग के हवाले किया गया है। इस घटना की शिकायत रामपुर पुलिस चौकी में की गई थी। पुलिस ने आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरों की बारिकी से पड़ताल की। घटनास्थल के पास सड़क में लगे एक कैमरे में लाल रंग की कार घटनास्थल के पार रूकते नजर आई। जिसमें कुछ उतर कार की ओर जाते दिखे। कुछ देर बाद वही लोग भागते हुए भी नजर आए। इस आधार पर लाल रंग की कार की तलाश पूरे शहर में की। साथ ही कार के भागने के रास्ते पर सीसीटीवी कैमरों की लगातार पड़ताल की गई। तब पता चला कि आरोपित कार में खरमोरा की ओर आए थे। गाड़ी को आग के हवाले करने के बाद पोड़ीबहार, उत्सव वाटिका, जिला चिकित्सालय रिस्दी मार्ग होते हुए नकटीखार की ओर भाग गए। उधर पुलिस की एक टीम आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से जिन लोगों पर संदेह जाहिर किया गया था, उन पर नजर रखी जा रही थी।
जांच के दौरान पता चला कि कुछ दिनों पूर्व कोयला कारोबारी अंशु पलेरिया, सुदामा कलवानी और मनीष राठौर के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था और दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। यह भी पता चला कि अंशु के पास मैरून कलर का एक्सयूवी वाहन है। इस आधार पर दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की, तो उन्होने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि मनीष राठौर हमेशा उसकी ट्रकों को झूठी शिकायत कर पुलिस व खनिज विभाग से पकड़वा दिया करता था, इससे मेरा समय खराब होता था और आर्थिक नुकसान करता था। कभी 50 हजार को कभी एक लाख की मांग करता था। दो फरवरी को उसका जन्मदिन था, तब उसने मुझसे एक लाख रूपये मांगा, सुबह से उसके घर आ पहुंचा। घर के बाहर लगे सीसीटीवी में उसे देखा जा सकता है। उस दिन चार बार घर में आकर मुझसे पैसे मांगा, इससे परेशान था। अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी मनीष लगातार ब्लैकमेलिंग कर रहा है, लेकिन कोई मुंह नहीं खोल पा रहा। उधर सुदामा कलवानी का कहना है कि कुछ दिनों पहले उसका विवाद मनीष से हो गया था, इससे वह काफी नाराज था। पुलिस ने कलवानी के दो मित्र विजय चौहान व तीजराम पटेल को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने घटना के लिए उपयोग किए गए एक्सयूवी वाहन सीजी 12 एवाई 0463 को जब्त करने की कार्रवाई की है। आगजनी का मामला धारा 435, 34 के तहत आरोपितों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। चूंकि मामला जमानती है, इसलिए थाने से ही मुचलके जमानत पर सभी आरोपितों को रिहा कर दिया गया।