December 25, 2024
हर रविवार

कही-सुनी (06 FEB-2022)

रवि भोई

राहुल की यात्रा से पहले सिंहदेव पर वार के मायने

कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में भले ढाई-ढाई साल का फार्मूला फुर्र हो गया हो, पर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का धुआं बंद नहीं हुआ है। कभी-कभी यह धुआं सतह पर आकर कांग्रेस के अंदरखाने में बवाल मचाना शुरू कर देता है। ऐसा ही कुछ कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी की छत्तीसगढ़ यात्रा के पहले हो गया। राहुल के स्वागत में लगे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पोस्टर और कट आउट हटाने की घटना हो या फिर जमीन कब्जे को लेकर सिंहदेव पर निशाने की बात हो। वैसे लंबे इंतजार के बाद राहुल 3 फ़रवरी को एक दिन के लिए रायपुर आए। माना जा रहा है कि मजदूरों के लिए योजना शुरू करवाने के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी सरकार के कामकाज की सकारात्मक झांकी राहुल के सामने पेश करने में सफल रहे, पर कांग्रेस के भीतर का अंतर्कलह दूर न हो सका। सिंहदेव से जुड़े लोग ढाई -ढाई न सही, साल-छह महीने के फार्मूले पर ही उम्मीद लगाए हुए हैं और ख़ामोशी को तूफान के पहले जैसी शांति बता रहे है। पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने से पहले राज्य विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो जाएगा और 25 मार्च तक चलेगा, तब तक तो किसी तूफान की उम्मीद नहीं दिखती।

मंत्री का जमीन प्रेम

कहते हैं नगर निगम क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री पर गाइडलाइन की दरों में दो महीने के लिए 10 फीसदी छूट का लाभ 4-5 बड़े बिल्डरों और एक मंत्री को मिलने वाला है। कहा जा रहा है कि एक मंत्री ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ रायपुर शहर में एक बड़ा टाउनशिप खरीद लिया है। यह टाउनशिप पहले एक उद्योगपति बसाने वाला था। चर्चा है कि वाणिज्यिककर विभाग छूट के लिए तैयार नहीं था , पर मंत्री और बिल्डरों के दबाव के चलते सरकार को फैसला करना पड़ा। अब देखते हैं दो महीने की छूट का लाभ जनता कितना उठा पाती है, या रसूखदार लोग ही अपना उल्लू सीधा कर चलते बनते हैं। चर्चा है मंत्री जी को जमीन खरीदी का खून लग गया है। वैसे कुछ महीने पहले अपने एक रिश्तेदार के नाम पर आदिवासियों की जमीन खरीदने के बाद विवादों में आने के बाद मंत्री जी को हाथ पीछे खींचना पड़ा था।

रामविचार नेताम की प्रधानमंत्री से मुलाक़ात

कहते हैं राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने गुरुवार को सपरिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। अब इस भेंट का छत्तीसगढ़ भाजपा में अलग-अलग मायने निकाला जा रहा है। कोई इसे छत्तीसगढ़ में संगठन में बदलाव की नजर से देख रहा है, तो कोई केंद्र में नेताम को नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना के रूप में देख रहा है। श्री नेताम का जून में राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है । छत्तीसगढ़ में मंत्री और कई बार विधायक रहे श्री नेताम भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में भाजपा के पास बड़े आदिवासी चेहरे की कमी है, वहीँ हाईकमान को छत्तीसगढ़ के लिए आक्रामक नेता की तलाश है, जो कांग्रेस की सरकार को जोरदार तरीके से घेर सके। अब देखते हैं क्या होता है ?

केंद्र सरकार में झंडे गाड़ने वाले अफसर

छत्तीसगढ़ में कई जिलों के कलेक्टर और राज्य में कई विभागों के सचिव रहते नई सोच और नई ऊर्जा के साथ काम करने की पहचान बनाने वाले 1999 बैच के आईएएस सोनमणि बोरा अब देशभर के लिए नए कांसेप्ट के साथ काम करने वाले अधिकारी बन गए हैं। भारत सरकार में भू संसाधन विभाग में ज्वाइंट सिकरेट्री श्री बोरा देश में भू-सुधार और लैंड रिकार्ड को डिजिटल करने की योजना के प्रभारी अधिकारी भी हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के अपने बजट भाषण में लैंड डिजिटाइज़ेशन को लेकर अहम घोषणा की है। कहते हैं लैंड डिजिटाइज़ेशन का मकसद सिस्टम को पारदर्शी और लोगों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ गड़बड़ी को रोकना है। देश में लैंड मैनेजमेंट और डिजिटाइज़ेशन तीन तरह से होगा। पहला, आधार नंबर की तरह हर जमीन का यूनिक नंबर होगा। दूसरा, जमीनों की रजिस्ट्री का यूनिफार्म सिस्टम लागू होगा। तीसरा, जमीनों की रजिस्ट्री भी डिजिटलाइज हो जाएगी। लोग जमीन के दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर रजिस्ट्री करा सकते हैं। जमीनों के डाक्यूमेंट 22 भाषाओं में उपलब्ध कराने का प्रावधान किया जा रहा है।

पीडब्ल्यूडी में विधायक के भाई के जलवे

कहते हैं छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण विभाग( पीडब्ल्यूडी) में एक कांग्रेसी विधायक के भाई के बड़े जलवे हैं। चर्चा है कि विभाग में मंत्री ताम्रध्वज साहू से ज्यादा विधायक के भाई की तूती बोलती है। कहा जाता है कई ठेकेदार और अफसर काम के लिए विधायक के भाई से संपर्क करते हैं , तो उनका काम हो जाता है।लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि विधायक के भाई के ताकतवर होने के पीछे मंत्री जी का आशीर्वाद है या फिर विधायक का। जरूर कुछ लोग विधायक के भाई के विभाग में ताकतवर होने का राज तलाशने में जुट गए हैं।

कलेक्टरों में हेरफेर की खबर

कहा जा रहा है विधानसभा के बजट सत्र के पहले कुछ बड़े जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। पिछले महीने कुछ छोटे जिलों के कलेक्टर बदले थे ,लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते बड़े जिलों के कलेक्टरों का ट्रांसफर नहीं किया गया था। अब फिर बड़े जिलों के कलेक्टरों को बदलने की चर्चा चल पड़ी है। बड़े जिलों में विशेष सचिव स्तर के आईएएस को कलेक्टर बनाए जाने की खबर है। चर्चा है कि दो महिला आईएएस अफसर कलेक्टर बनने के लिए बड़े जोर-शोर से लगीं हुई हैं। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन में भी कुछ हेरफेर हो सकता है।

उबकते भाजपा नेता- कार्यकर्ता

कहते हैं आजकल भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल्ली से हांका जा रहा है। दिल्ली से ही छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को हफ्ते-महीने का कार्यक्रम मिल जा रहा है। इसके चलते भाजपा के लोग स्थानीय स्तर पर कोई कार्यक्रम नहीं बना पा रहे हैं और न ही अपने काम-धंधे पर ध्यान दे पा रहे हैं। दिल्ली के कमांड और कंट्रोल से स्थानीय नेता और कार्यकर्त्ता बड़े दुखी बताए जाते हैं। राहुल गांधी को काला झंडा दिखाने में सफल होने पर जरूर कुछ लोग गदगद हैं। कहा जाता है कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक को लेकर विरोध की रणनीति का खाखा दिल्ली से मिल गया था और अब केंद्रीय बजट को लेकर रोज -रोज नेताओं और कार्यकर्ताओं को घुट्टी पिलाया जा रहा है, उससे वे उबकने लगे हैं ।

निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के लिए अध्यक्ष की तलाश

छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ल का कार्यकाल 22 फ़रवरी को समाप्त होने जा रहा है। कहते हैं कुछ लोग डॉ. शिववरण शुक्ल का कार्यकाल बढ़ाने के पक्ष में थे, लेकिन राज्य सरकार उसके लिए तैयार नहीं हुई। कहा जा रहा है कि भूपेश सरकार निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष पद पर किसी स्थानीय व्यक्ति को नियुक्त करना चाहती है। डॉ. शिववरण शुक्ल के सम्मान में 18 फ़रवरी को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय एसोसिएशन द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के मौजूद रहने की संभावना है। आयोग के इतिहास में यह पहला मौका जब किसी अध्यक्ष के विदाई के अवसर पर ऐसा आयोजन हो रहा है। संस्कृत के विद्वान डॉ शुक्ल अपनी कार्यशैली के चलते सुर्ख़ियों में तो रहे ही ,सदस्य और अध्यक्ष के तौर पर आयोग में उनका कार्यकाल लंबा भी रहा।

राजेश सिंह राणा विशेष सचिव बने

सरकार ने 2008 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश सिंह राणा को संयुक्त सचिव से विशेष सचिव के पद पर पदोन्नत करने के साथ उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ा दी है। राजेश सिंह राणा पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध संचालक के साथ अब स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव, राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद के संचालक और राज्य साक्षारता मिशन के संचालक भी होंगे । राजेश सिंह राणा का पदोन्नति आदेश 4 फरवरी 2022 को जारी हुआ, लेकिन उन्हें उसका लाभ जनवरी 2021 से मिलेगा।

(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

कही-सुनी @ रवि भोई, सम्पर्क- 098936 99960

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