November 23, 2024

ओटी की मांग को लेकर डंपर आपरेटरों ने किया काम बंद, एक दर्जन निलंबित

कोरबा 11 फरवरी। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल के गेवरा खदान में वेस्ट एमटीके के करीब 80 डंपर आपरेटर एक साथ अचानक ओटी की मांग को लेकर काम बंद कर दिए। दो पाली में काम ठप रहा। इसकी वजह से करीब 16 घंटे कोयला उत्पादन कार्य प्रभावित हुआ। पहले ही प्रबंधन पर कोयला उत्पादन बढ़ाए जाने का दबाव है, ऐसे में बिना किसी नोटिस के हड़ताल में जाने की इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया है। प्रबंधन ने सख्त रवैय्या अपनाते हुए एक दर्जन से ज्यादा लोगों को निलंबित करते हुए सभी डंपर आपरेटरों की वेतन काटने की घोषणा कर दी है।

गेवरा खदान के वेस्ट एमटीके में 150 टन क्षमता के आपरेटरों ने गुरूवार को प्रथम पाली से सामूहिक रूप से एकाएक काम बंद कर दिया। हाजिरी नहीं लगाते हुए काम का बहिष्कार किया। इन कर्मियों का प्रबंधन पर आरोप था कि प्रबंधन इस्ट व वेस्ट में कार्यरत कर्मियों के मध्य भेदभाव की नीति अपना रहा है। इस्ट में 240 टन क्षमता डंपर चला रहे आपरेटरों को सामान्य ड्यूटी करने पर चार घंटे का ओवहरटाइम दिया जा रहा है, पर वेस्ट में कार्यरत आपरेटरों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। आठ घंटा से ज्यादा ड्यूटी लिया जा रहा। खदान क्षेत्र की सड़क भी खराब है, इससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। उनका कहना है कि प्रबंधन दबाव पूर्वक कार्य करा रहा है। काम बंद करने के पहले ना तो प्रबंधन को कोई नोटिस दी गई और ना हीं वार्ता की गई। एकाएक काम बंद किए जाने से प्रबंधन हड़बड़ा गया। शिफ्ट इंचार्ज ने आपरेटरों से चर्चा की और काम पर वापस लौटने कहा, लेकिन आपरेटर अपनी मांग पर अड़े रहे और धीरे धीरे प्रथम पाली का समय समाप्त हो गया। प्रबंधन को उम्मीद थी कि द्वितीय पाली में आपरेटर काम पर आएंगे, लेकिन द्वितीय पाली के भी आपरेटरों ने काम का बहिष्कार कर दिया। प्रथम व द्वितीय पाली में लगभग 80 आपरेटर के नहीं आने से मिट्टी निकासी व कोयला उत्पादन काम पूरी तरह ठप रहा। गेवरा खदान पहले से ही उत्पादन लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है और प्रतिदिन दो लाख टन उत्पादन करने के बजाए वर्तमान में मुश्किल से डेढ़ लाख टन उत्पादन हो रहा है। ऐसी स्थिति में कर्मियों के आंदोलन किए जाने से उत्पादन पर प्रभाव पड़ने के मामले प्रबंधन ने गंभीरता से लेते हुए पत्र जारी कर सभी कर्मियों को नोटिस जारी कर दिया और वेतन काटने की घोषणा कर दी। शाम को मामला गंभीर होते देख प्रबंधन ने एक दर्जन से ज्यादा कर्मियों को निलंबित कर शोकाज नोटिस जारी कर दिया।

गेवरा परियोजना के उप महाप्रबंक खनन, खान प्रबंधक ने पत्र जारी कर कहा कि कामगार वेस्ट एमटीके पहुंचने के उपरांत अपनी हाजिरी न लगाते हुए सामूहिक रूप से कार्य का बहिष्कार किए हैं और कार्यस्थल पर उपस्थित नही हुए। इन कामगारों का यह कृत्य अघोषित हड़ताल की श्रेणी में आता है। काम नहीं तो वेतन नहीं के आधार पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ आठ दिन के वेतन की कटौती भी की जा सकती है। आपरेटरों के ड्यूटी पर नहीं लौटने की वजह से उपमहाप्रबंधक खनन ने निलंबन पत्र जारी कर कहा कि अनैतिक मांग को लेकर हाजिरी नहीं लगाए और डंपर नहीं निकाल अघोषित हड़ताल की। इससे कंपनी को मिट्टी निकासी व कोयला उत्पादन का नुकसान हुआ। यह कृत्य कंपनी के प्रमाणित स्थाई आदेशों के तहत गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है। निलंबन की अवधि में आरोप तय किए जाएंगे। इसलिए निलंबन अवधि में मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। निलंबित किए गए आपरेटरों में मकसूद, रघुबीर सिंहए अभिषेक डेविड, अजय कुमार, अनिल कुमार, ओमप्रकाश, बृजेश सिंह, हेमंत दास, कमल राम, राकेश कुमार समेत अन्य शामिल हैं।

Spread the word