RAIPUR BIG BREAKING : कोरोना के नाम पर 80 लाख का घोटाला.. भाजपा आर.टी.आई प्रकोष्ठ ने खोली पोल
🔴 रायपुर नगर निगम ने किराये पर लिया सी.एफ.एल बल्ब, 1,72,500 रुपये का किया भुगतान
🔴 भाजपा आर.टी.आई. सेल ने जांच को लेकर प्रधानमंत्री को भेजा पत्र
रायपुर। कोरोना महामारी से बचाव को लेकर रायपुर नगर निगम में भ्रष्टाचार का जो खेल चला है वह अपने आप में अनोखा है। बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में बनाए गए अस्थायी कोविड सेंटर को लेकर प्रदेश सरकार ने वाहवाही तो लूटी थी लेकिन वहाँ व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं था। नगर निगम रायपुर द्वारा सुविधाओं के नाम पर स्टेडियम में जो आवश्यक सामग्री किराये पर जुटाने का दावा किया गया था उसके किराये की राशि में ही भारी भ्रष्टाचार हुआ हैै। भाजपा आरटीआई सेल के सह मीडिया प्रभारी आलोक शर्मा ने दस्तावेजी प्रमाण के साथ इस बात का खुलासा किया है।
आलोक शर्मा ने बताया कि नगर निगम रायपुर ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड के माध्यम से 79,90,162 रुपए केवल किराये के सामान पर ही खर्च कर दिया। यदि इतने रूपए के सामान खरीदे जाते तो उनकी खरीदी का दर किराये से भी कम आता। कोरोना काल के दौरान रायपुर निगम द्वारा सीसीटीवी व साउंड सिस्टम हेतु 59,37,662 रुपए किराये पर खर्च किया गया है। वहीं 25 इंटरकाॅम के लिए 11,25,000 रुपए, वायर 750 मीटर का किराया 2,96,000 रुपए दिया गया है। इतने दर पर तो इससे अधिक वायर की खरीदी की जा सकती थी।
सह मीडिया प्रभारी शर्मा ने बताया कि रायपुर निगम द्वारा 23 बड़े बिजली बल्ब के लिए 1,72,500 रुपए का भुगतान किराये के तौर पर किया गया है। इससे हास्यास्पद और क्या हो सकता है कि 157 सीएफएल बल्ब भी किराये में लिए गए थे जिसका किराया 3,14,000 रुपए दिया गया है। इतने मूल्य पर तो कई गुना सीएफएल बल्ब खरीदे जा सकते थे। वहीं 1 एसी के लिए 75,000 रुपए व 5 कुलर का किराया 70,000 रुपए भुगतान किया गया है।
श्री शर्मा ने कहा कि इस प्रकरण से साबित होता है कि कोरोना के नाम पर आपदा को अवसर में बदलते हुए नगर निगम रायपुर के अधिकारियों ने भारी भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने प्रदेश की काँग्रेस सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उसे ही इस भ्रष्टाचार की जननी बताया है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो व भ्रष्टचार में संलप्ति दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।