कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री का ‘मोदी विरोध’ का एजेंडा राजनीतिक कृतध्नता की शर्मनाक मिसाल है : डॉ. रमन सिंह

प्रदेश सरकार के निवेदन पर पाँच कोल ब्लॉक की नीलामी रोककर केंद्र ने छत्तीसगढ़ के हितों को ध्यान में रखने के उदार दृष्टिकोण का परिचय दिया
रायपुर 1 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब ओछी राजनीति छोड़कर देश व प्रदेश के हित को सर्वोपरि मानकर काम करने की नसीहत दी है। डॉ. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल को संघीय ढाँचे का सम्मान करते हुए केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाकर काम करना चाहिए और हर मामले में ‘विरोध के लिए विरोध’ की मानसिकता त्यागकर अनर्गल राजनीतिक प्रलाप से बचना चाहिए। यही उनके पद की गरिमा के अनुकूल राजनीतिक आचरण का तकाजा है।

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने कोरोना संकट के मद्देनज़र ग़रीबों को तीन माह के लिए मुफ़्त राशन देने की मांग केंद्र सरकार से की और केंद्र सरकार ने पाँच माह तक मुफ़्त राशन देने की घोषणा की है, अब यह प्रदेश सरकार की नाकामी है कि न तो वह पूरा राशन तक उठा पा रही है और न ही ग़रीबों को उसका समय पर वितरण करा पा रही है। राज्य की समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय मुख्यमंत्री का पूरा ध्यान राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ज़्यादा रहता है। क्या उन्हें अपनी कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की राजनीतिक समझ पर संदेह है? डॉ. सिंह ने कहा कि चाहे कश्मीर का मुद्दा रहा हो या राफेल विमान सौदे का या फिर चीन के साथ विवाद का, मुख्यमंत्री के इन विषयों पर बयानों से यही प्रतिध्वनित होता रहा है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के हित में प्रदेश सरकार की बातों को चाहे जितनी संज़ीदगी से ले, प्रदेश के कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री मिलकर जिस तरह ‘मोदी विरोध’का एजेंडा चला रहे हैं, वह राजनीतिक कृतघ्नता की शर्मनाक मिसाल है।