November 21, 2024

पत्रकार प्रताड़ना: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव को बड़ी राहत

बिलासपुर 28 फरवरी। छत्तीसगढ़ में पत्रकार पर अत्याचार और प्रताड़ना के एक मामले में माननीय हाइकोर्ट ने राज्य के वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव को राहत दी हैं। आज रविवार को एक बेहद गंभीर मामले में हुई सुनवाई में माननीय अदालत ने एनआरडीए और वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव का पक्ष सुनने के बाद स्टे लगा दिया।

गौरतलब है कि एनआरडीए ने शनिवार दिनांक 19- 02- 2022 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर स्पीड पोस्ट के जरिये वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव के आवास को तोड़ने का नोटिस भेजा था। इसके ठीक अगले दिन छुट्टी का दिन होने के बावजूद एनआरडीए की टीम ने लाव-लश्कर के साथ सुबह- सुबह उनके घर पर धावा बोला। सुबह से लेकर देर शाम तक एनआरडीए की टीम ने वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव के आवास पर जमकर तबाही मचाई। दर्जनों जेसीबी और बुलडोजर के साथ उनके आवास के कई हिस्से तोड़ डाले। उनके सूने घर पर ताला तोड़कर की गई एकतरफा कार्यवाही के दौरान लाखों का कीमती सामान नष्ट कर दिया गया। वहीँ इस सामानों को सुरक्षित बाहर निकालने का मौका तक नही दिया गया।

कार्यवाही के दौरान उनके आवास में पालतू पशु-पक्षियों के साथ भी एनआरडीए की टीम ने अमानवीय रुख अपनाया। पशु-पक्षियों के घोसले और पिजड़े भी तोड़ दिए गए। नतीजतन मलबे की चपेट में आने से दो पर्शियन बिल्लियों की मौत हो गई| वहीँ लाखों का घरेलु-कीमती सामान मलबे के नीचे दब गया।

एनआरडीए की कार्यवाही यहीं नही थमी| अफसरों नें अपने पद और अधिकारों का जमकर दुरूपयोग करते हुए इस वरिष्ठ पत्रकार के आवास के शेष बचे हुए हिस्से को भी तोड़ने के लिए अपनी कमर कस ली हैं| इसके लिए उन्हें दोबारा नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस को देखकर आम लोगों को बड़ी हैरानी हुई| वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव ने इस नोटिस को गैरकानूनी बताते हुए माननीय हाईकोर्ट को अवगत कराया।

वरिष्ठ पत्रकार के आवास पर चले बुलडोजर के मामले की गंभीरता को देखते हुए माननीय चीफ जस्टिस ने प्रकरण का संज्ञान लिया| आज रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने सुनवाई की|न्यायमूर्ति नरेश सूर्यवंशी की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव के पक्ष में स्थगन आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आशुतोष पांडेय, ए.व्ही. श्रीधर और वैभव पी. शुक्ला ने पैरवी की। जबकि राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास और शासकीय अधिवक्ता गगन तिवारी ने पक्ष रखा।

गौरतलब हैं की नवा रायपुर में हजारों लोगों के कच्चे-पक्के आवास और निर्माण हैं| कई बड़े फार्महाउस भी हैं| वीआईपी रोड में तो एनआरडीए की हद में होटल और रेस्टोरेंट बगैर लाइसेंस व क़ानूनी प्रक्रिया के व्यावसायिक रूप से संचालित हो रहें हैं| यहाँ हुक्का-बार और अवैध रूप से शराब पिलाने की पूरी व्यवस्था हैं, लेकिन ऐसे ठिकानों पर कार्यवाही करने के बजाय एनआरडीए ने इस वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ मोर्चा खोला हैं।

बताया जाता हैं की वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव लम्बे समय से भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और सारकारी अधिकारीयों के गुंडाराज की हकीकत बयां कर रहे थे| इसके चलते सरकार ने उनपर अपनी नजरे तिरछी कर ली। एनआरडीए के जरिए वरिष्ठ पत्रकार पर हमला बोला गया जबकि इस इलाके में निवासरत कई प्रभावशील लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के मामले में एनआरडीए ने घुटने टेक दिए।साफ हैं की सिर्फ सच्चाई जाहिर करने वाले पत्रकारों के खिलाफ सरकार अपना शिकंजा कस रही हैं| बहरहाल रविवार के दिन छुट्टी होने के बावजूद माननीय हाईकोर्ट की संवेदनशीलता से पत्रकार जगत में हर्ष की लहर हैं।

Spread the word