November 7, 2024

प्राणों की परवाह किए वीरों ने बिना देश के लिए दी शहादत: डॉ. पटेल

कोरबा 24 मार्च। शासकीय महाविद्यालय बरपाली में राष्ट्रीय सेवा योजना ने बलिदान दिवस का आयोजन किया। देश की आजादी में शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को नमन किया गया।   

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डा शिवदयाल पटेल ने कहा कि भगत सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देने के लिए सेंट्रल असेंबली में बम फेंका। यह देश उन वीरों की कर्मभूमि भी रही है, जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किए बिना इस देश के लिए कार्य किए हैं। अपने वतन के लिए प्राण देने से भी हमारे वीर कभी पीछे नहीं हटे। देश को स्वतंत्र कराने के लिए देश के वीरों ने अपनी जान की आहुति तक दी। आादी के बाद भी हमारे वीर सैनिकों ने सीमाओं पर हमारी हिफाजत के लिए अपने प्राणों को दांव पर लगाया। अदालती आदेश के अनुसार भगतसिंहए राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च 1931 को सुबह आठ बजे फांसी लगाया जाना थाए पर 23 मार्च 1931 को ही देर शाम सात बजे फांसी लगा दी गई और शव रिश्तेदारों को न देकर रातों रात सतलुज नदी के किनारे जला दिया गया। दरअसल यह पूरी घटना भारतीय क्रांतिकारियों की अंग्रेजी हुकूमत को हिला देने वाली घटना की वजह से हुई। महाविद्यालय में देश के बलिदानों को नमन किया गया। उनके जीवन चरित्र पर व्याख्यान आयोजित किया गया। गोदग्राम डोंगरिभाठा में रैली निकाल देशभक्त वीर सपूतों के नारे लगाए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने में डा रंजना नाथ, कार्यक्रम अधिकारी महिला इकाई, अतिथि प्राध्यापक हिंदी कोमलेश वैष्णव, स्वयंसेवक आर्या जायसवाल, अनिता कंवर, पुष्पा कंवर, इंदुलता धनकुंवर, खुशबू रानी लहरे, अरिमा खांडे, चंद्रलता, करिश्मा साहू, ताप्ती तारिणी, रामेश्वरी कश्यप, मौसमी, अभय पटेल, संजीव कुमार, राकेश कुमार श्रीवास, संजु कुमार, विक्की सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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