July 4, 2024

रेत घाट होंगे ठेका मुक्त, नए वित्तीय वर्ष से गांव में चलाएंगे पंचायत व शहर में निकाय

कोरबा 27 मार्च। जिले में चल रहे रेतघाटों को अब नए वित्तीय वर्ष से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत और शहर में स्थानीय निकाय संचालित करेंगे। राज्य शासन की ओर से लिए गए इस निर्णय के बाद जिला खनिज विभाग को लिखित अनुमति का इंतजार है। वर्तमान में चल रहे 14 रेत घाटों को बढ़ाकर 18 करने की तैयारी है।   

रेत घाटों को ठेकेदारों से मुक्त करने की तैयारी राज्य शासन ने कर ली है। बीते दो सालों में रेतघाटों को ठेकेदारों के हवाले किए जाने से अवैध उत्खनन में बेतहाशा वृद्धि हुई। मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को निर्णय लेना पड़ा था कि अवैध खुदाई के लिए कलेक्टर व एसपी जिम्मेदार होंगे। निर्णय के बाद जमकर कार्रवाई हुई। घाटों को ठेकेदारों को देने से रेत चोरी के मामले तो बढ़े ही साथ ही अधिक कीमत में बिक्री से शासन की छवि धूमिल हुई है। माना जा रहा है कि इन तमाम विसंगतियों को देखेते हुए शासन ने फिर से पंचायत व शहरी निकायों को रेत घाट सौंपे जाने का निर्णय लिया है। इसका असर अब जिला खनिज विभाग में देखा जा रहा हैं। जिले में संचालित हो रहे 14 घाट रेत आपूर्ति के लिए पर्याप्त नहीं है। निजी निकायों को घाट चलाने की अनुमति मिलने से खनिज विभाग को सहूलियत होगी। शहर में वर्तमान में एकमात्र सीतामढ़ी घाट का संचालन हो रहा है। गेरवाघाट में सर्वेश्वर एनीकट बनने के कारण घाट बंद हो गया है। वैकल्पिक तौर नवीन घाट चलाने की राह अब तक तय नहीं हुई है। जिन चार अतिरिक्त घाटों की शुरूआत होनी है, उनमें गेवरा घाट क्रमांक दो, पसान, एतमान व तरदाघाट शामिल है। भले ही चार नए घाटों को शुरू करने का निर्णय लिया गया है लेकिन 412 ग्राम पंचायातों के लिए पर्याप्त नहीं है।

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