December 24, 2024

वनपरिक्षेत्र में हाथियों की धमक के साथ बंद कर दिया जाएगा तेंदूपत्ता संग्रहण फड़

कोरबा 18 अप्रैल। वनमंडल मंडल के प्रभावित वनपरिक्षेत्र में हाथी आने की सूचना मिलते ही तत्काल उस रेंज से जुड़े तेंदूपत्ता संग्रहण फड़ को बंद करा दिया जाएगा। हड़ताल समाप्त होते ही वन विभाग ने तेंदूपत्ता संग्रहण की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग को सर्वाधिक चिंता कटघोरा वन मंडल के पसान वन परिक्षेत्र की है। आगामी एक मई से तेंदूपत्ता तोड़ने का काम शुरू हो रहा है। इस आशय से हाथियों से सुरक्षित रहने वनांचल क्षेत्र के संग्राहक परिवारों को सतर्क किया जा रहा है।   

तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए पखवाड़े भर का समय शेष रह गया है। भले ही हाथियों का दल इन दिनों मारवाही क्षेत्र में विचरण कर रहा है लेकिन तेंदू पत्ता संग्रहण शुरू होते ही खदेड़े जाने का क्रम शुरू हो जाता है। कटघोरा वनमंडल के पसान वनपरिक्षेत्र में हाथियों के आगमन को लेकर संग्राहकों सबसे अधिक चिंता रहती है। बिलासपुर के मारवाही के वन परिक्षेत्र से जुड़े होने से हाथियों का दल कभी भी पसान क्षेत्र में आ सकता है। अनुकूल वातावरण होने के कारण हाथी साल में सर्वाधिक समय पसान में गुजारते हैं। बताना होगा कि तेज धूप होने के कारण पत्ता संग्रहण का काम सुबह किया जाता है। इस बीच जानकारी के अभाव में लोग जंगल चले जाते हैंए औचक हाथी से मुठभेड़ होने के कारण लोगों को मौत का सामना करना पड़ता है। इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए रेंज अफसर व वनपाल को हाथी से एलर्ट करने की जिम्मेदारी दी गई है। तेंदूपत्ता संग्रहण मे प्रतिस्पर्धा की वजह से लोग अलसुबह से वन की ओर निकल जाते है। हाथी आगमन की जानकारी नहीं होने के कारण अचानक सामना होने से संग्राहकों को जान गंवानी पड़ती है। हाथियों के आगमन की जानकारी से ग्रामीणों को पहले से अवगत कराया जाएगा ताकि वे जान जोखिम में डाल तेंदूपत्ता तोड़ने से बचेंगे।     

विशेषज्ञों की माने तो हाथी दिन में एक निश्चित स्थान पर रहना पसंद करते हैं। ज्यादात झुंड अपना सफर रात में तय करते हैं। दल किस ओर रूख करेंगे इसका अनुमान उनके आगे बढ़ने के बाद ही पता चलता है। यही वजह है कि किस जगह में हाथी ठहरें हैं इसकी जानकारी सहीं समय पर लोगों तक नहीं पहुंच पाती। जब वनोपज संग्रहण संग्रहण के दौरान अचानक हाथी से आमना-सामना होने की स्थिति हर साल दो तीन संग्राहकों की मौत हो जाती है।

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