November 21, 2024

सरकार ने ली कोरोना में बेसहारा हुए बच्चों की पालन-पोषण की जिम्मेदारी

कोरबा 28 अप्रैल। कोरोना काल के दौरान माता-पिता के दिवंगत होने से बेसहारा हो चुके दो बच्चों के पालन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने ली है। दोनों एक ही परिवार के भाई-बहन हैं। प्रधानमंत्री केयर फंड योजना के तहत अब दोनों का लालन-पालन किया किया जाएगा। वयस्क होने तक इसकी जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी गई है।   

कोरोना काल बसे परिवारों को बिखेरने कोई कसर नहीं छोड़ी है। महामारी में माता या पिता अथवा दोनो को खो चुके बेसहारा बच्चों के लिए केंद्र सरकार ने योजना तैयार की है। पात्रता सुनिश्चत करने के लिए शासन ने मापदंड निर्धारित किए हैं जिसके अंतर्गत एक ही परिवार के दो बच्चों का नाम सामने आया है। दोनों सगे भाई बहन हैं। केंद्र सरकार नये पीएम केयर फंड के तहत कोरोना काल में बेसहारा हो चुके बच्चों को पालन पोषण करने का पहले निर्णय ले लिया था। प्रभावित बच्चों की तालाश में देरी हुई है। परवरिश के लिए योजना में शामिल बच्चों में बालिका की आयु 15 और बालक की आयु 12 साल है। केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार प्रभावित बच्चों को पारिवारिक माहौल में पालन पोषण करना है। बालिका को उसके मौसी के घर भेजा गया है। बालक को उसके पसंद अनुसार बाल संरक्षण केंद्र में रखा गया है। बच्चों के पालन के लिए प्रति माह दो हजार रुपये नगद और पाल्य परिवार को पांच किलो चावल प्रदान करने का प्रावधान है। बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत निःशुल्क शिक्षा के लिए निजी स्कूलों में दाखिला दिया है। वयस्क होने तक निर्धारित राशि प्रदाय की जाएगी। इस योजना के तहत सर्वे कर जानकारी पोर्टल के माध्यम से भेजी गई है। विभागीय अधिकारी की माने तो अभी भी प्रभावित बच्चों की तलाश की जा रह है। योजना के तहत उनका नाम केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।   

महिला एवं बाल विकास विभाग चिन्हांकित बच्चों की देख-रेख महतारी जतन योजना के तहत करेगा। दोना बच्चों खाता खोला गया है। अधिकृत अभिभाव को राहत राशि के नाम पर 50 हजार रूपये प्रदान की गई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत दोना बच्चों कार्ड बनाया गया, ताकि बीमार पड़ने पर उनका इलाज सुनिश्चत हो। बच्चों लालन-पालन सुनियोजित योजना के तहत रही है। इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने की जिम्मेदारी भी महिला एवं बाल विकास विभाग की होगी। प्रधानमंत्री केयर चिल्ड्रन स्कीम फंड के लिए पंजीकृत हुए बच्चों का जीवन संवारने भारत सरकार की ओर से उच्च कक्षा की पढ़ाई के लिए स्कालरशीप दी जाएगी। जिसमें पांच साल के भीतर 10 लाख रूपये की मेच्युरिटी राशि भी शामिल होगी। 23 वर्ष की आयु होने पर उन्हे यह राशि प्रदान की जाएगी। उक्त राशि से वे अपना स्वरोजगार शुरू कर सकेंगे। इसके लिए अलावा समय समय-समय राज्य व केंद्र शासन से बच्चों को मिलने वाली तमाम योजना इन्हे प्रदान करने का प्राविधान है।

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