September 17, 2024

खदान प्रभावितों को काम नहीं देने पर करेेंगे खदान बंद

कोरबा 1 मई। खदानों में नियोजित ठेका कंपनियों में स्थानीय लोगों को शत प्रतिशत काम पर नहीं रखे जाने पर किसान सभा ने आपत्ति जताई है। किसान सभा ने कहा है कि खदान प्रभावितों को काम नहीं दिया जाता है तो चरणबद्ध आंदोलन के साथ खदान बंद किया जाएगा। इस दौरान प्रदर्शन भी किया गया।   

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में कई गांव की जमीन समाहित हुई है और कई गांव खनन से प्रभावित है। किसान सभा ने कुसमुंडा महाप्रबंधक को पत्र लिख कर कहा है कि गांव के आश्रित किसान परिवार अपनी आजीविका का साधन जमीन परियोजना में निकलने के बाद से बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। एसईसीएल को छोड़कर आस पास कहीं भी रोजगार की व्यवस्था नहीं है। कुसमुंडा परियोजना में आउटसोर्सिंग कंपनी नीलकंठ, गोदावरी, वोल्टास, एसएसएस, सामंता का कार्य चल रहा है। इसमें ड्राइवर, हेल्पर, सुपरवाइजर व अन्य कार्यों में विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों को शत-प्रतिशत काम पर नहीं रखा जा रहा है। चालक, सुपरवाइजर, हेल्पर जैसे पदों में भी भू-विस्थापितों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही। आउट सोर्सिंग कंपनियों में कार्यरत ड्राइवर, हेल्पर, सुपरवाइजर एवं अन्य कर्मचारियों के नाम व गांव को सार्वजनिक बोर्ड पर लगाया जाए, ताकि सही जानकारी मिल सके कि किस किस गांव से कर्मचारियों को काम पर रखा गया है। किसान सभा जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह ने कहा कि एसईसीएल नैतिक जिम्मेदारी के तहत सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों में शत-प्रतिशत कार्य परियोजना के लिए अर्जित व प्रभावित ग्रामों के बेरोजगारों को ही उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि कंपनियों में प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराने पर किसान सभा चरणबद्ध आंदोलन करेगा। इसके तहत 18 मई को एसईसीएल कुसमुंडा कार्यालय का घेराव एवं प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं होता है तो 25 मई को कुसमुंडा परियोजना में आउटसोर्सिंग कार्य को बंद कराया जाएगा।

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